अभी तक पहाड़ों में बेरोजगार युवाओं और प्राइवेट नौकरी करने वालों को दुल्हन न मिल पाने की खबरें आती रहती थीं। उस दौरान सरकारी नौकरी करने वाले और सेना में नौकरी करने वाले लोग लड़कियों की पहली पसंद हुआ करते थे और लड़कियों के माता-पिता भी खुशी-खुशी सरकारी नौकरी करने वाले युवाओं के साथ रिश्ता जोड़ लेते थे।
लड़किया ही नही पूर्व सैनिक भी कर रहे है मना
लेकिन अब हालात धीरे-धीरे बदलने लगे हैं। भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती की शुरुआत के बाद से ऐसा ही हो रहा है। दरअसल, अब न केवल पहाड़ की लड़कियां अग्निवीर द्वारा लाए गए रिश्तों को ठुकराने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचा रही हैं, बल्कि लड़कियों के साथ-साथ उनके परिवार वाले भी साफ कह रहे हैं कि चार साल बाद जब अग्निवीर बेरोजगार हो जाएंगे, तो क्या क्या होगा उनकी बेटी के साथ? उनकी बेटी की देखभाल कौन करेगा?
वैसे तो अपनी बेटी के भविष्य की चिंता करना हर माता-पिता का सपना होता है, लेकिन इसके लिए उन्हें दोष देना ठीक नहीं है, लेकिन यहां यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बेरोजगार और निजी नौकरीपेशा युवाओं की तरह ही अब चार- सालों पुराने अग्निवीरों की नहीं हो रही शादी! अग्निवीरों के लिए दुल्हन ढूंढना अब कोई आसान काम नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उत्तराखंड के एक प्रतिष्ठित अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमांत जिले पिथौरागढ़ की डीडीहाट तहसील की लड़कियों ने पांच से ज्यादा अग्निवीरों के शादी के प्रस्ताव ठुकरा दिए हैं। इन युवाओं के परिजनों का कहना है कि उन्हें अपने बेटों के लिए दुल्हनें नहीं मिल रही हैं। लड़कियां उससे शादी करने से साफ इंकार कर रही हैं।
इस रिपोर्ट की मानें तो भारतीय सेना में शामिल हुए पूर्व सैनिक भी अब अग्निवीरों के साथ अपनी बेटियों के रिश्ते को नकारने से कतराने लगे हैं।जब पूर्व सैनिक ही अग्निवीर के बारे में ऐसा सोच रहे हैं तो आम लोगों के नजरिये का भी अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। आम आदमी के लिए अग्निवीर का मतलब अस्थायी सैनिक होता है। ऐसे में ज्यादातर परिवार अपनी बेटी की शादी अग्निवीर से करने से बच रहे हैं।
हालांकि, इस रिपोर्ट की कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें न सिर्फ लोग इस खबर में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं बल्कि इसके पक्ष और विपक्ष में अपनी राय भी रख रहे हैं। वह इस खबर को विवाह के लिए अयोग्य अग्निवीर शीर्षक के साथ भी साझा कर रहे हैं।