पढ़ाई के साथ संभाली घर की जिम्मेदारी फिर भी नहीं मानी हार, उत्तराखंड की रश्मि नौटियाल ने पास करी UKPSC की अस्सिटेंट प्रोफेसर की नौकरी

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

हमारी संस्कृति में महिलाओं को शक्तिशाली प्राणी के रूप में मान्यता दी गई है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आज के युग में महिलाएं दुनिया के लिए मिसाल कायम कर रही हैं, वे सभी कठिनाइयों से जूझती हैं। आज के बदलते दौर में कई लोगों के आचरण और चरित्र की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है, वहीं देवभूमि उत्तराखंड की प्रगति में महिलाओं के योगदान के बारे में भी खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। इस खबर का संबंध इन महिलाओं की वायरल हो रही रील्स से नहीं है बल्कि इस बात से है कि कैसे इन महिलाओं ने लाख चुनौतियों का सामना करते हुए भी जीत का परचम लहराया।

जौनसार उत्तराखंड की महिला बनी युवाओं के लिए प्रेरणा

हालांकि, देवभूमि की महिलाएं भी अपने हर काम में अपने परिवार और कुल का नाम रोशन करने की कोशिश करती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताएंगे, जो न सिर्फ युवाओं को प्रेरणा दे रही है बल्कि महिलाओं की इच्छा शक्ति को भी परिभाषित कर रही है। यह कहानी है लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉमर्स) पद की परीक्षा पास करने वाली रश्मि नौटियाल की।

देहरादून के जौनसार बावर के चतरा गांव की रहने वाली रश्मि नौटियाल ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा पास कर ली है। आपको बता दें कि रश्मि दो बच्चों की मां भी हैं। अब आप समझ गए होंगे कि घर संभालने और बच्चों की अच्छी देखभाल करने की जिम्मेदारी के बावजूद, रश्मि ने स्वेच्छा से यह परीक्षा उत्तीर्ण की है। जहां बहुत से पुरुष और महिलाएं कुछ ही समय में कुछ बाधाओं, समस्याओं या चुनौतियों के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं।

वहीं रश्मि ने तमाम जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपना सपना भी पूरा किया है. रश्मि की इस उपलब्धि को पूरे देश के लिए एक उदाहरण बताया जा रहा है कि देवभूमि उत्तराखंड की महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। रश्मि नौटियाल के पति राम प्रकाश नौटियाल IRDE, DRDO, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। इससे पहले, रश्मि ने 2014 में नेट परीक्षा उत्तीर्ण की और दो विषयों (वाणिज्य और अर्थशास्त्र) में मास्टर्स और बीएड किया। इसके साथ ही उन्होंने SET, CTET और UTET जैसी कठिन परीक्षाएं भी पास की थीं। रश्मि पिछले सात वर्षों से उत्तराखंड के राजकीय महाविद्यालय में संविदा व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं।