क्या उत्तराखंड पर है कोई खतरे की घंटी, फिर से दुगना हो रहा है पश्चिमी विशोब क्या होगी भारी बारिश

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आपदा के मामले में उत्तराखंड बेहद संवेदनशील राज्य है। कई जगहों पर बारिश होते ही इसके कई हिस्सों से भूस्खलन की खबरें आने लगती हैं।इस बार भी मानसून के दौरान उत्तराखंड और हिमाचल में भारी तबाही हुई, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ। वैज्ञानिक इसका कारण पहले ही बता चुके हैं।

पिछले 20 सालों में पश्चिमी विक्षोभ दोगुना हो गया

बताया जा रहा है कि पिछले 20 सालों में पश्चिमी विक्षोभ दोगुना हो गया है, जो पहाड़ी इलाकों में तबाही मचा रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत में मौसम बदल रहा है। मानसून के मौसम के साथ-साथ सर्दियों में उत्तराखंड में बारिश के लिए एक और कारक जिम्मेदार है। उत्तराखंड में आई आपदा के लिए पश्चिमी विक्षोभ भी जिम्मेदार है। मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ का मेल तबाही मचा रहा है।

इस साल मानसून सीजन में उत्तराखंड में कुल 68 बारिश हुई। जिसमें उत्तराखंड में कुल 73 लोगों की जान चली गई. उत्तराखंड को भी 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे यहां की अर्थव्यवस्था हिल गई। पिछले कुछ सालों में पश्चिमी विक्षोभ को लेकर आए नए अध्ययनों ने कई राज्यों की चिंता बढ़ा दी है।

जर्नल रिव्यूज ऑफ जियोफिजिक्स में प्रकाशित वेस्टर्न डिस्टरबेंस ए रिव्यू के अनुसार, दिसंबर से मार्च के बीच लगभग 16 से 24 बार पश्चिमी विक्षोभ की घटनाएं होती हैं। पर्यावरण पर काम करने वाले वैज्ञानिक प्रोफेसर एसपी सती का कहना है कि जिस तरह पश्चिमी विक्षोभ का व्यापक असर दिख रहा है, उसी तरह उत्तर भारत में भी आपदा की घटनाएं दिख रही हैं। यहां हम आपको यह भी बताते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ क्या है।

पश्चिमी विक्षोभ एक प्रकार का तूफान है जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र से उत्पन्न होता है। ये वे हवाएँ हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप में पश्चिम से आ रही हैं। ये हवाएँ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के साथ-साथ नेपाल तक पहुँचती हैं। दरअसल, तेज हवाओं के साथ अटलांटिक और भूमध्य सागर से नमी उत्तर भारत तक पहुंचती है। जिसके कारण इन इलाकों में भारी बारिश हो रही है।

जब ऊंचाई पर चलने वाली गर्म या अशांत हवाएं पहाड़ों से टकराती हैं तो उनका असर बारिश के रूप में दिखाई देता है। जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार पश्चिमी विक्षोभ दोगुना हो गया है। 2013 में केदारनाथ आपदा के दौरान भी इसी प्रकार का मौसम उत्पन्न हुआ था, पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज गर्म हवाओं के कारण इस क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जिससे यहां तबाही मच गई।