उत्तराखंड में पिछले कुछ समय में धर्मांतरण का मुद्दा काफी गर्म रहा है. इसके दौरान जमीन कब जाने का मुद्दा भी सामने आया था. लेकिन इस बार मुस्लिम धर्म के बाद ईसाई धर्म भी काफी तेजी से उत्तराखंड में फैल रहा है. उत्तराखंड में कई पिछड़े गांव है जहां पर आबादी काफी कम है और ईसाई धर्म के कुछ लोग अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं वहां पर. वह ना कि सिर्फ प्रचार कर रहे हैं बल्कि लोगों को भी अपने धर्म के प्रति आकर्षित करने के लिए पैसे दे रहे हैं. वह पैसे के द्वारा लोगों को धर्मांतरण का शिकार बना रहे हैं. वैसे तो सरकार द्वारा इसके लिए एक सख्त नियम है लेकिन फिर भी उत्तराखंड में धनवंतरण काफी तेजी से फैल रहा है. उत्तराखंड में ईसाई मिशनरी द्वारा बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जा रहा है और इस खबर का खुलासा हुआ टिहरी के 1 घंटोली गांव से. इन दोनों भटौली गांव में सात परिवारों को ईसाई धर्म में बदलने के मामले की खबर काफी तेजी से फैल रही है.
भटोली में हुआ 7 परिवारों का धर्मांतरण
टिहरी का एक छोटा सा गांव जहां पर आबादी भी काफी कम है और कुछ गरीब परिवारों को पैसे का लालच देकर अपने धर्म को बदलने के लिए कहा गया है. गांव के लोगों ने प्रशासन से इस मामले की जांच के लिए कहा है. सूत्रों की माने तो यह काम कई इलाकों में ऐसे गुपचुप तरीके से हो रहा है कि कई लोग पहले ही ईसाई धर्म के प्रति कन्वर्ट हो चुके हैं. पौड़ी, नैनीताल, उत्तरकाशी, धारचूला, उधमसिंह नगर और भी कई जगह में कई हिंदू परिवार ईसाई धर्म अपना चुके हैं. इसी मिशनरिया लोगों का धर्म तो बदल रही है लेकिन उनका नाम नहीं बदल रही है जिस कारण सरकार को यह पता लगाने में काफी समस्या हो रही है कि धर्मांतरण किस इलाके में तेजी से फैल रहा है. उत्तराखंड में नेपाली जो मूल निवासी हैं जिनकी आबादी 300 के पार है टिहरी में उनका काफी टारगेट कर जा रहा है, इन लोगों को पैसे का लालच देकर इनका धर्मांतरण किया जा रहा है. इसमें कई ऐसे गांव भी हैं.
घर-घर हो रहा है धर्म का प्रचार
जिम इन मिशनरियों का टारगेट पूरा होता जा रहा है. बहुत सारे गांव ऐसे हैं जहां यह पैसों का लालच दे रहे हैं और अपना धर्मांतरण कर रहे हैं. उत्तराखंड में वर्ल्ड विजन के नाम से कई ऐसी संस्थाएं आई थी जो लोगों को एक अच्छी जिंदगी का लालच देकर उनका धर्म बदल रही है. यह संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्र के कई गरीब लोगों को अन का लालच देकर उनको ईसाई धर्म अपनाने के लिए कह रही हैं. उत्तराखंड के कई ग्रामीण इलाकों में ईसाई धर्म ने अपने स्कूल भी खोले हैं जिसमें वह अपने ईसाई धर्म की पूजा करते हैं जिससे गांव के कुछ लोग जो इस स्कूलों में पढ़ते हैं वह ईसाई धर्म को पूछते हैं इन स्कूलों में हिंदू धर्म से जुड़ी हुई कोई भी किताब या फिर जानकारी नहीं दी जाती है.
मुस्लिम धर्म के बाद अब ईसाई धर्म बना सबसे बड़ी मुसीबत
जिस वजह से इन बच्चों को ईसाई धर्म को लेकर काफी प्रेम उमड़ता है और यह ईसाई धर्म को आसानी से अपना लेते हैं. स्कूलों की शिक्षा अच्छे होने के कारण गांव के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए मान जाते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि यह स्कूल धर्मांतरण का काफी बड़ा प्लान है. यह मिशन ना ही सिर्फ चर्च से जुड़े होते हैं बल्कि यह घर-घर अपने मिशन का प्रचार करते हैं. ईसाई धर्म के यह मिशनरी जगह-जगह प्रार्थना भवन भी बनाने लग गए थे. नरेंद्र नगर से विधायक सुबोध उनियाल जी का कहना है कि अगर ऐसे मामले सामने आते हैं तो उनको लेकर सख्त कार्यवाही करी जाएगी. उन्होंने कहा सरकार ने धर्मांतरण के लिए सख्त कानून बनाया है अगर कोई जबरदस्ती किसी और धर्म में बदल जाता है तो सरकार उसे पर सख्त कार्यवाही करेगी उसको लेकर एक्शन जरूर लगी.