उत्तराखंड में बिजली संकट से थक रहे लोगो पर एक और संकट, UPCL में बिजली देगी बिजली

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उत्तराखंड में महंगाई से जूझ रही जनता को अब UPCL से भी बड़ा झटका लगने वाला है। राजस्व के हिसाब से UPCL को 1223 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है और इस घाटे की भरपाई के लिए कंपनी राज्यों में नई बिजली दरें तय करने की योजना बना रही है जो 1 अप्रैल 2024 से लागू होंगी। यानी UPCL सीधे तौर पर अपने घाटे की भरपाई करेगा उपभोक्ताओं से करोड़ों की लूट इस साल UPCLको 1223 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यूपीसीएल ने 2022-23 में कुल 8633 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी।

UPCL

कर्ज़े से उबरने के लिए बढ़नी पर रही है बिजली दरे

इस वर्ष बिजली से प्राप्त राजस्व एक वर्ष में 8554 करोड़ रुपये बिका। इससे यूपीसीएल को इस खरीद-फरोख्त में ही 79 करोड़ रुपये का घाटा हो गया। इसके अलावा कर्मचारियों के वेतन और योजनाओं के रखरखाव पर अलग से करीब 1200 करोड़ रुपये का खर्च आया। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 550 करोड़ रुपये की जगह 900 करोड़ रुपये चुकाने पड़े।

महंगी बिजली के कारण 1300 करोड़ का अतिरिक्त भार बढ़ने के कारण साल के मध्य में ही अक्टूबर से मार्च तक बिजली की अतिरिक्त दरें बढ़ा दी गईं। अब बैलेंस शीट में 1223 करोड़ के वित्तीय अंतर का बोझ भी आम जनता पर पड़ेगा। इस नुकसान की भरपाई अगले साल के टैरिफ में की जाएगी, जिससे जनता पर बोझ बढ़ेगा। यह पूरा अतिरिक्त खर्च अगले साल विद्युत नियामक आयोग को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।

UPCL

केंद्रीय एजेंसियों से 4049 करोड़ रुपये की बिजली खरीद को भी मंजूरी दी गई. जबकि मांग बढ़ने के कारण 4637 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ी। व्यासी पावर प्रोजेक्ट से 9 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने के कारण यूजेवीएनएल को करीब 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ा। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा कि इस साल जो भी वित्तीय अंतर आया है, उसकी भरपाई अगले साल के टैरिफ में कर दी जाएग।