उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम रूप ले रही है। जल्द ही उत्तराखंड इस कानून को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। यूसीसी को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति दो फरवरी को यूसीसी का ड्राफ्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।
नए सत्र में होगी UCC पर चर्चा
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यूसीसी ड्राफ्ट मिलने के बाद सरकार जल्द ही विधानसभा में बिल लाकर राज्य में यूसीसी लागू करेगी।
आपको बता दें कि दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम धामी का यह पहला वादा था कि वह 23 मार्च 2022 को हुई पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में सिविल कोड एक्ट (यूसीसी) लागू करेंगे। यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं।
इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए सरकार 5 से 8 फरवरी तक विधानसभा का सत्र बुलाएगी। इसी सत्र में इस ड्राफ्ट बिल को सदन में पेश करने और इसे पारित कराने की भी तैयारी चल रही है। इसके पारित होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
ड्राफ्ट पूरा करने से पहले समिति ने मुख्यमंत्री धामी के साथ कई दौर की बैठकें की थीं. माना जा रहा है कि यह ड्राफ्ट पांच सौ पन्नों से भी ज्यादा लंबा है। इसका हिंदी अनुवाद भी किया जा चुका है.