उत्तराखंड में आया ऐतिहासिक दिन, जय श्री राम के नारों के साथ विधान सभा में पेश हुआ समान नागरिक संहिता बिल

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पूरे देश में एक समान कानून बनाने की चर्चा दशकों से समय-समय पर होती रही है। अब आखिरकार पहाड़ी राज्य उत्तराखंड ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है।उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश किया।

महिलाओं और लिव-ईन में करे गए विशेष उपबंध

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी देहरादून स्थित अपने आवास से भारतीय संविधान की प्रति लेकर निकले थे. आज, मंगलवार, 6 फरवरी, 2024 को दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही के दौरान दिन के दूसरे भाग में उन्होंने यूसीसी विधेयक पेश किया। उत्तराखंड विधानसभा में आज पेश किए गए यूसीसी बिल पर न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। यह निस्संदेह इस समय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।

यूसीसी के ड्राफ्ट को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक सरकार लिव-इन रिलेशनशिप के लिए सख्त नियम बनाने की योजना बना रही है, जिसे यूसीसी में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके मुताबिक, एक वयस्क पुरुष और एक वयस्क महिला ही लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे।

राज्य में लिव-इन यात्रियों का वेब पोर्टल पर नामांकन अनिवार्य होगा। इस नियम का पालन नहीं करने पर छह महीने की कैद या 25,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। जोड़े को केवल नियुक्ति के लिए विशेष रूप से दी गई रसीद के आधार पर किराए का घर, पीजी या घर मिलेगा।

लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चे उस पार्टनर की वैध संतान माने जाएंगे और उस बच्चे को जैविक बच्चे के सभी अधिकार मिलेंगे। आपको बता दें कि उत्तराखंड में लागू होने वाला यूसीसी का फैसला देश और दुनिया से जुड़ा है।