भू कानून आने से पहले ही उत्तराखंड के इस गाँव ने उठाया बड़ा कदम, अपनी जमीन बचाने के लिए मुनस्यारी के लोग अब नहीं बेचेंगे अपनी जमीन

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हाल ही में उत्तराखंड के लोगों द्वारा भूमि कानून के लिए एक रैली आयोजित की गई थी। उत्तराखंड में बेशकीमती जमीनों को बचाने के लिए एक मजबूत भूमि कानून की मांग दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है, फिर भी यह स्पष्ट नहीं है कि यह मांग कब पूरी होगी, लेकिन आखिरकार एक ऐसा गांव है जिसने उत्तराखंड में खुद कदम बढ़ाया है।

अधिकारियों के बैठक में ना आने पर नाराज हुए गाँव वाले

कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकेगा और कोई भी गांव का व्यक्ति बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेच सकेगा। हम बात कर रहे हैं हिमनगरी मुनस्यारी के निकट चौना ग्राम पंचायत की। यहां गुरुवार को ग्राम पंचायत की खुली बैठक हुई।

बैठक में बाहरी लोगों को जमीन खरीदने और ग्रामीणों को जमीन बेचने पर रोक लगाने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस दौरान उन विभागीय अधिकारियों पर भी नाराजगी जताई गई, जिन्हें खुली बैठक में भाग लेना था, लेकिन कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने कहा कि खुली बैठक में भाग न लेने वाले विभागों के अधिकारियों की शिकायत अब सीधे जिलाधिकारी व शासन से की जायेगी। ग्राम प्रधान गणेश जेठा की अध्यक्षता में आयोजित ग्राम सभा में रेखीय विभागों से केवल दो विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। अन्य विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सदस्यों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की।

ग्रामीणों ने बताया कि बैठक में उद्यान, कृषि, पशुपालन, समाज कल्याण विभाग समेत अन्य समस्याएं भी बताई गईं, लेकिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बैठक में नहीं पहुंचा, यह पंचायत व्यवस्था की अवमानना ​​है। मुनस्यारी के पास चौना गांव के लोगों ने अपनी जमीन बाहरी लोगों को नहीं बेचने का फैसला किया है। अब इस गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकेगा।