7 साल की छोटी उम्र में हल्द्वानी के तेजस तिवारी ने रचा इतिहास, नोएडा में शतरंज का अंतरराष्ट्रीय खिताब में पाया उच्च स्थान

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इन दिनों आपने भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध नेताओं, राजनेताओं और यहां तक ​​कि कई शासकों की कहानियां सुनी होंगी जिन्होंने शतरंज की जटिलताओं को समझने के लिए अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया। शतरंज एक शांत और रोमांचक खेल लग सकता है, लेकिन केवल कुछ ही लोग इस पर महारत हासिल कर पाते हैं।

तेजस की इस जीत से उत्तराखंड नाम हुआ रौशन

इसकी चालें आपको खेल में जीत या हार दिला सकती हैं। भारत में शतरंज के खेल में कई लोगों ने अपने तेज दिमाग और खेल की समझ से विश्व रिकॉर्ड बनाकर विश्व स्तर पर भारत की क्षमता और मानसिक स्तर का प्रतिनिधित्व किया है। हाल ही में हलद्वानी के एक सात साल के लड़के ने भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के बीच हलचल मचा दी है।

तेजस तिवारी नाम के सात साल के इस लड़के ने राजनीति में हलचल मचा दी थी। नैनीताल जिले के हलद्वानी शहर में रहने वाले सात साल के इस नन्हें शतरंज खिलाड़ी ने दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर कई विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। 8 वर्ष से कम उम्र के खिलाड़ी तेजस तिवारी ने उत्तर प्रदेश में आयोजित द्वितीय डिविना II ओपन इंटरनेशनल फिडे शतरंज चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया है।

आपको बता दें कि इस प्रतियोगिता में 500 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है। इस प्रतियोगिता में तेजस ने 9 में से 6 मैचों में यह शानदार उपलब्धि हासिल की है। गौरतलब है कि तेजस की शतरंज में रुचि 3.5 साल की उम्र से ही बढ़ने लगी थी। जब तेजस छोटा था तो वह अपने परिवार के सदस्यों को शतरंज खेलते हुए देखता था और खेल की हर छोटी-बड़ी बारीकियों को बहुत ध्यान से समझता था।

छोटी सी उम्र में तेजस ने खेल की बारीकियों को इस तरह समझा कि महज 5 साल की उम्र में तेजस दुनिया के सबसे कम उम्र के FIDE रेटेड खिलाड़ी के रूप में प्रसिद्धि पाने लगे। 2024 में नोएडा में आयोजित इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पाने से पहले भी तेजस ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हल्द्वानी, उत्तराखंड और पूरे देश का मान बढ़ाया है।