उत्तराखंड में रेल को अपने मूल स्थान पर देखना आज भी पहाड़ के लोगों का सपना है। आजादी के बाद पहाड़ों में रेल चलाने के कई प्रयास किये गये लेकिन कोई भी सफल नहीं हो सका। अंततः ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना इस सपने को विफल कर देती है लेकिन ओरोजेक्ट को पूरा होने में समय लग रहा है। इस प्रोजेक्ट के बाद कई अन्य प्रोजेक्ट सुर्खियों में रहे। इन्ही में से टनकपुर-बागेश्वर रेल योजना का कार्य जल्द शुरू हो सकता है।
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164 कम लंबी परियोजना में खर्च होंगे लगभग 6000 करोड़ रूपए
पहाड़ के लोगों का टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का सपना अब जल्द पूरा होने के आसार नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी. टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति बागेश्वर की अध्यक्ष नीमा दफौटी के मुताबिक सामरिक महत्व की रेलवे लाइन निर्माण की मांग को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है।
सर्वे भी पूरा हो चुका है जिस पर काम जल्द शुरू हो सकता हैं। जल्द ही बागेश्वर-टनकपुर रेलवे लाइन के लिए भी बजट जारी कर दिया जाएगा। बताया गया है कि यह रेलवे ट्रैक टनकपुर से बागेश्वर तक 154.58 लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी और इसकी उत्पादन लागत लगभग 6966.33 करोड़ रुपये होगी।
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रेलवे लाइन बनने से जहां चंपावत, अल्मोडा और बागेश्वर जिलों को फायदा होगा, वहीं पहाड़ के लोगों का सफर भी आसान हो जाएगा। मालूम हो कि टनकपुर से बागेश्वर तक रेलवे लाइन बिछाने की मांग कुमाऊं के लोगों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। इसे लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन भी चल रहे हैं।