आज उत्तराखंड की बेटियां हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। यहां की बेटियां अपनी मेहनत और लगन से आज ऊंचे पदों पर आसीन होकर उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही हैं। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड की एक बेटी ने आज फिर हमने किया। हम बात कर रहे हैं तटीय जिले की चीन सीमा से सटी दारमा घाटी निवासी दुग्तू की बेटी मुस्कान सोनल की।
उत्तराखंड के जनजातिय रन्ग समुदाय की है पहली पायलट
एयर इंडिया ग्रुप से प्रथम पायलट अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के बाद सोनल ने इतिहास रच दिया। उनकी इस उपलब्धि के बाद परिवार और इलाके में खुशी का माहौल है। आपको बता दें कि मुस्कान रंग समुदाय (भारत, नेपाल और तिब्बत के बीच रहने वाला आदिवासी समुदाय) की पहली कमर्शियल महिला पायलट बन गई हैं। मुस्कान 15 अप्रैल यानी आज एयर इंडिया ग्रुप में शामिल होंगी और एयरबस A320 से उड़ान भरेगी। आपको बता दें कि मुस्कान के पिता भूप सिंह सोनल एसबीआई में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और मां बसंती सोनल एक गृहिणी हैं।
मुस्कान की बड़ी बहन ज्योत्सना सोनल हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं और छोटा भाई रोजर सोनल हाईस्कूल में पढ़ता है। मुस्कान ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रायबरेली से तीन साल का वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस कोर्स पूरा किया है। पायलट ऑफिसर पद के लिए चयनित। इससे पहले मुस्कान ने तीन साल तक एक निजी कंपनी के जहाज में काम किया था और बहरीन खाड़ी से दो महीने का पायलट कोर्स भी किया था।
मुस्कान के पिता का कहना है कि मुस्कान ने कोविड के समय उड़ान एकेडमी, फुरसतगंज में प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया था। मुस्कान के पास 200 घंटे की उड़ान का अनुभव भी है। जानकारी के मुताबिक, एयर इंडिया में करीब 1980 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से चयनित 22 अभ्यर्थियों में मुस्कान सोनल को पहले स्थान पर चुना गया है।