चंपावत के पुष्कर के लिए चमत्कार से कम नहीं सिलक्यारा टनल हादसा, मदद के लिए उत्तराखंड सरकार ने फिर बढ़ाए हाथ

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सिल्कयारा टनल उत्तरकाशी का सबसे बड़ा पुनर्जीवन ऑपरेशन एक श्रमिक के लिए वरदान साबित हुआ। अब सवाल ये है कि आखिर एक हादसा वरदान कैसे बन जाता है। आइये आपको बताते हैं कि असल में हुआ क्या था। सुरंग हादसे में चंपावत का 24 वर्षीय युवक पुष्कर सुरंग के अंदर फंस गया था। वह और उसका परिवार इस बात से अनजान थे कि जन्म से ही उनके दिल में छेद है।

बचपन से था दिल में छेद जिससे अंजान था पुष्कर

लेकिन जब ये रेस्क्यू खत्म हुआ तो सभी मजदूरों को जांच के लिए एम्स अस्पताल लाया गया। इनमें पुष्कर भी शामिल था। आपको बता दें कि जांच के दौरान पता चला कि पुष्कर के दिल में छेद है। कार्डियोग्राफी करने के दौरान मौके पर मौजूद हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वरुण कुमार के मुताबिक। यह समस्या जन्मजात बीमारी के रूप में थी जिसके बारे में पुष्कर को जानकारी नहीं थी।

लेकिन रोजगार की तलाश में पुष्कर चंपावत से उत्तरकाशी चले गए, जिसके बाद वह सिल्क्यारा टनल हादसे का शिकार हो गए। AIIMS विशेषज्ञ ने बताया कि पुष्कर के हृदय में ऑपरेशन का पता लगाने के लिए एक सप्ताह बाद ओपन हार्ट सर्जरी का निर्णय लिया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। पुस्कर ठीक हो गए और शुक्रवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई।

एम्स के हार्ट एंड लंग्स सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अंशुमन दरबारी ने बताया कि अगर सिल्कयारा हादसे के बाद पुष्कर एम्स नहीं पहुंचे होते तो उन्हें समय रहते अपने दिल में छेद का पता नहीं चल पाता। वह रोजगार की तलाश में उत्तरकाशी गए और सुरंग में फंस गए, जिसके कारण किस्मत उन्हें अन्य श्रमिकों के साथ एम्स ले आई। जांच के बाद जब सभी कर्मियों को एम्स से छुट्टी दी जा रही थी, उस समय पुष्कर सर्जरी कराने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं थे।