अल्मोड़ा के शंभू ने राम नाम में दिखाई अपनी भक्ति, 32 साल में 32 करोड़ बार लिख डाला राम का नाम

भगवान राम त्रेता युग से प्रचलित हैं और तब से कई कहानियाँ प्रचलित हैं। भगवान राम के नाम को जीवन का पहला और आखिरी सत्य बताया गया है। भगवान राम 500 साल बाद लखनऊ अपने मंदिर लौटेंगे। राम भक्तों की आस्था में कोई कारण या स्वार्थ नहीं है, सभी भक्त अपने भगवान के जीवन से प्रेरणा लेकर उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

1990 से जप रहे है राम का नाम

हनुमान भगवान राम के सबसे बड़े भक्त थे जिनके सीने में भी राम बसते थे, अन्य भक्त हनुमान की तुलना में कुछ भी नहीं हैं, इसी तरह समुद्र पर बने पहले पुल राम सेतु के निर्माण में उपयोग किए गए हर पत्थर पर राम लिखा हुआ है।

उत्तराखंड में भगवान राम के एक ऐसे ही बड़े भक्त की कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। हम आपको अल्मोड़ा के 62 वर्षीय व्यक्ति की कहानी बता रहे हैं जो कहते हैं कि पिछले 32 वर्षों में उन्होंने 32 करोड़ बार राम का नाम लिखा है। तो आइए जानते हैं इस अनोखे राम भक्त के दावे के पीछे की पूरी कहानी। उत्तराखंड के अल्मोडा जिले के सल्ट निवासी शंभू दयाल खर्कवाल की रामभक्ति की चर्चा हर जगह हो रही है।

1990 में राम का नाम जपते समय शंभू को एक ऐसा विचार आया जो आज एक विश्व रिकॉर्ड जैसा है। वह विचार था राम का नाम लिखने का, छोटी सी चाय की दुकान चलाने वाले शंभू दयाल का आदर्श वाक्य भी ‘राम राम बोल, राम राम बोल, राम राम लिख, राम राम लिख’ है। उनके 32 वर्षों में 32 करोड़ बार राम नाम लिखने की पुष्टि उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और उन्हें जानने वाले दैनिक ग्राहकों ने भी की है।

राम के प्रति शंभू दयाल की इस भक्ति की सराहना इसलिए भी की जा रही है क्योंकि जब उन्हें राम के नाम के लिए भी संघर्ष करना पड़ा तब से लेकर आज तक उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यह इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि भगवान राम की कृपा अपने भक्तों पर अच्छी-बुरी हर स्थिति में बनी रहती है।

32 वर्षों में 32 करोड़ बार राम लिखते समय शंभू दयाल को कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ा होगा और यह सच्ची श्रद्धा का ही परिणाम है कि उनकी भक्ति आज हर भक्त के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

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