संगीत नाट्य पुरस्कार के इतिहास में पहली बार यह पुरस्कार पति-पत्नी को एक साथ दिया जाएगा। हम बात कर रहे हैं डॉ. संजय पांडे और उनकी पत्नी डॉ. लता पांडे की, जो दोनों उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में कार्यरत हैं। उनके लिए यह बहुत अच्छी खबर है कि उन्हें वर्ष 2022-23 के संगीत नाट्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
श्रीनगर के स्कूल में है शिक्षक के पद पर कार्यरत है दोनों
संजय पांडे और लता पांडे उत्तराखंड के श्रीनगर में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। ये दोनों बहुत प्रतिभाशाली गायक हैं। पाण्डे दम्पति के पाँव पर मानो स्वयं सरस्वती बैठी हों, दोनों बहुत सुन्दर गाते हैं। दोनों शिक्षिकाओं को जल्द ही राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू संगीत नाट्य पुरस्कार से सम्मानित करने वाली हैं. उत्तराखंड के लोक संगीत को समर्पित पांडे दंपत्ति सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं। डॉ. संजय पांडे मूल रूप से बागेश्वर जिले के वज्यूल गांव के रहने वाले हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जोशीमठ से हुई।
उच्च शिक्षा के लिए डॉ. संजय श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने उच्च शिक्षा गढ़वाल विश्वविद्यालय से प्राप्त की। गढ़वाल विश्वविद्यालय से ही उन्होंने पीएचडी की। वहीं डॉ. लता पांडे मूल रूप से जनपद अल्मोडा की रहने वाली हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोडा में ही हुई। इसके बाद लता ने अपनी पीएचडी और डॉक्टरेट की डिग्री नैनीताल यूनिवर्सिटी से हासिल की। वर्तमान में डॉ. लता पांडे जीजीआईसी श्रीनगर में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।
डॉ. संजय पांडे अपनी पत्नी की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि वह परिवार के साथ-साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी बखूबी निर्वहन करती हैं, पत्नी लता के सहयोग के बिना उनके लिए संगीत नाट्य पुरस्कार प्राप्त करना संभव नहीं था। अब राष्ट्रपति उत्तराखंड के पति-पत्नी को दौपदी मुर्मू संगीत नाट्य पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। पूरा उत्तराखंड राज्य उन्हें विभिन्न माध्यमों से बधाई दे रहा है।