बंद होने की कगार पर खड़ा है देहरादून का वो स्कूल जहां से जुड़ी है भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की यादें

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सैम मानेकशॉ भारत के सर्वश्रेष्ठ और पहले फील्ड मार्शल में से एक बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति थे। हाल ही में देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की शख्सियत के जीवन पर आधारित फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई। जिसके बाद काफी बाते छिड़ गई।

सैम मानेकशॉ ने ही किया था इस स्कूल का शिलान्यास

सैम मानेकशॉ के नाम की देशभर में खूब चर्चा हो रही है, यहां तक ​​कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से भी इस जगह की कई यादें जुड़ी हुई हैं। एक तरफ हर कोई सैम मानेकशॉ की जिंदगी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने को उत्सुक है तो वहीं दूसरी तरफ देहरादून में उनसे जुड़ा एक निशान मिटने की कगार पर है। यहां गढ़ी कैंट में एक स्कूल है, जिसकी नींव सैम मॉन्कशॉ ने रखी थी, ये स्कूल अब बंद होने की कगार पर खड़ा है।

देहरादून के लोगों ने इस स्कूल को कई बार देखा होगा लेकिन ध्यान नहीं दिया होगा। हम आपको इस स्थान के स्थान के बारे में जानकारी देना चाहते हैं। गढ़ी कैंट में मुख्यमंत्री के आवास के पास स्थित 58 जीटीसी जूनियर हाई स्कूल की आधारशिला 11 अक्टूबर 1966 को पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसएचएफजे मानेकशॉ या सैम बहादुर द्वारा रखी गई थी।

प्रारंभ में यह विद्यालय बहुत प्रसिद्ध था। दून में गोरखा ट्रेनिंग सेंटर हुआ करता था। इस विद्यालय में सैनिकों और अन्य कर्मियों के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते थे। कुछ समय बाद यह प्रशिक्षण केंद्र यहां से शिलांग स्थानांतरित कर दिया गया और विद्यालय में छात्रों की संख्या कम होने लगी। एक समय था जब यहां पंद्रह सौ से ज्यादा बच्चे पढ़ते थे, लेकिन अब यहां महज 30 बच्चे ही बचे हैं।

हाल ही में स्कूल प्रशासन को एक पत्र मिला है, जिसमें अगले सत्र के लिए अब एडमिशन न लेने की बात कही गई है। विद्यालय भवन भी जर्जर स्थिति में है। अब सेना ने भी स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी था।

यह एक बहुत ही आवश्यक कदम है जिसे हमें उठाने की आवश्यकता है क्योंकि यह छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए है। शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि छात्रों को नजदीकी स्कूलों में स्थानांतरित किया जाए. कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज (200 मीटर दूर) और कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को कैंट जूनियर हाई स्कूल (दो किमी दूर) में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।