उत्तराखंड का मैदानी जिला उधम सिंह नगर अपनी कृषि भूमि और प्रसिद्ध गुरुद्वारा रीठा साहिब के लिए जाना जाता है। रीठा साहिब गुरुद्वारा जाने वाले लोगों का सफर, सिख धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है और मीठा रीठा गुरुद्वारा के लिए प्रसिद्ध है, पहले इस गुरुद्वारे तक पहुंचना आसान नहीं था। अब टनकपुर से सूखीढांग-धूरा-डांडा होते हुए रीठा साहिब की यह यात्रा पहले की तुलना में लगभग आधे समय में तय की जाएगी, जबकि टनकपुर से रीठा साहिब की दूरी भी केवल 85 किमी रह जाएगी।
10km का रास्ता बचा है जोड़ मेले से पहले हो जाएगा पूरा
दरअसल, सूखीढांग से धूरा-डांडा-रीठा साहिब मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य चल रहा है। इस मार्ग में रीठा साहिब से डांडा तक सड़क पहले ही डामरीकृत है और अब वर्तमान में सूखीढांग से धूरा-डांडा तक डामरीकरण का कार्य चल रहा है। बताया गया है कि अब इस मोटर मार्ग में लगभग 10 किमी का ही डामरीकरण शेष रह गया है, जो हर वर्ष आयोजित होने वाले बहुचर्चित जोड़ मेले से पहले पूरा कर लिया जाएगा। आपको बता दें कि अभी तक रीठा साहिब जाने वाले श्रद्धालु टनकपुर से चंपावत, लोहाघाट, खेतीखान होते हुए पक्की सड़क से ही इस पवित्र स्थान तक पहुंचते थे।
इस मार्ग से टनकपुर से रीठा साहिब पहुंचने के लिए पहले लोगों को करीब 166 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब सूखीढांग वाया धूरा-डांडा-रीठा साहिब मोटर मार्ग पर डामर सड़क बनने से दूरी लगभग आधी यानि 85 किमी रह जाएगी। इस संबंध में PWD A.E. लक्ष्मण सिंह सामंत ने मीडिया को बताया कि अब टनकपुर से सूखीढांग वाया धूरा-डांडा होते हुए रीठा साहिब तक एक और स्थाई मार्ग जल्द तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सड़क के शेष 10 किमी हिस्से का डामरीकरण कार्य 21 मई को लगने वाले जोड़ मेले से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में संगत यहां पहुंचेगी। सिखों का यह प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल रीठा साहिब है। हम आपको बताना चाहते हैं कि हर साल बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर इस पवित्र स्थान पर तीन दिवसीय जोड़ मेला आयोजित किया जाता है। इस स्थान का सिख धर्म में बहुत बड़ा स्थान है जो रतिया और लधिया नदियों के संगम पर स्थित है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस मेले में उन्हें रीठा का प्रसाद दिया जाता है।