उत्तराखंड के पौढ़ी में एक घोस्ट विलेज की पूजा ने किया कमाल, वृद्धा पेंशन पर चल रहा था घर, बेटी ने 90% अंक लाकर किया सबको खुश

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उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है, लेकिन कुछ सच्चे लोग भी हैं, जिन्होंने रिजल्ट और लोगों का दिल तो जीत लिया, लेकिन फिर भी उनकी मेहनत के बारे में हर जगह चर्चा नहीं होती। हम बात कर रहे हैं पौरी की बेटी पूजा की। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है।

रोजाना 5 km चलकर जाना पड़ता था स्कूल

आपको बता दें कि पूजा गड़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के धांगधार गांव की छात्रा हैं, जिनका परिवार इस गांव में अकेला रहता है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में कई ऐसे गांव हैं जो इस समय पलायन की मार झेल रहे हैं और इन गांवों में बहुत कम लोग रहते हैं। सभी लोग अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की तलाश में पूर, तरह से गाँव छोड़ चुके हैं। इसी तरह पलायन का दंश झेल रहा एक गांव है पौडी जिले का ढांगधार गांव, जहां पूजा के परिवार के अलावा कोई और परिवार नहीं रहता है, जिसके कारण इस गांव को लोग भुतहा गांव भी कहते हैं।

आपको बता दें कि पूजा के पिता की 2015 में घर की मरम्मत करते समय मौत हो गई थी, जिसके बाद उनके दिन खराब हो गए। जबकि सभी लोग घर छोड़ देते हैं, वह अपने गाँव में अपनी माँ और नाना-नानी के साथ अकेली रहती है और पूजा का कोई अन्य भाई-बहन नहीं है। इतना ही नहीं, पूजा के परिवार का भरण-पोषण उसके नाना की वृद्धावस्था पेंशन से होता है, जो कि ₹1500 है। उसे दिन में दो वक्त का खाना भी मुश्किल से मिल पाता है, क्योंकि इतनी कम आमदनी में उसका आधा खर्च गैस भरवाने में ही निकल जाता है, इसीलिए वह अक्सर चूल्हे पर खाना बनाती है। वे केवल खाना पकाते हैं, कुछ खेती करते हैं और 1 या 2 मवेशी भी रखते हैं जिनसे वे मुश्किल से जीवित रह पाते हैं।

इतना ही नहीं पूजा को स्कूल जाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उसे 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देउसी इंटर कॉलेज जाने के लिए घने जंगलों से होकर अकेले चलना पड़ता था।आपको बता दें कि पूजा ने 10वीं कक्षा में 85% अंक लाकर परीक्षा पास की थी और पूजा ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और भूगोल जैसे विषयों में 90% अंक हासिल किए हैं और अब भविष्य में वह एक शिक्षक बनना चाहती हैं। और अपने नाना-नानी के सपनों को पूरा करना चाहती है।