उत्तराखंड में शराब की तस्करी और फल उत्पादन को बढ़ावा देने आ रही है मेट्रो मदिरा, जल्द ही होगी पूरे राज्य में बिक्री

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उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है कि अब राज्य में मेट्रो शराब की बिक्री शुरू की जाएगी। पहले बताया गया था कि उत्तराखंड के 5 पहाड़ी जिलों में मेट्रो शराब की बिक्री शुरू की जाएगी, अब आबकारी आयुक्त की ओर से जारी एक अन्य बयान में कहा गया है कि पूरे उत्तराखंड में मेट्रो शराब की बिक्री शुरू की जाएगी।

उत्तराखंड के ही पुलिस और आड़े से बनेगी मेट्रो मदिरा

यह उच्च गुणवत्ता वाली स्पिरिट पहाड़ी फलों और वनस्पतियों के स्वाद के साथ बनाई जाएगी और इसे उत्तराखंड की डिस्टिलरी में ही तैयार किया जाएगा। नई आबकारी नीति में नई प्रकार की शराब की बिक्री की व्यवस्था की गई है। आबकारी आयुक्त की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मेट्रो शराब का कोई ब्रांड नहीं है, बल्कि उत्तराखंड में इस शराब को बनाने में स्थानीय उत्पाद, फल, फूल और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाएगा, इसे मेट्रो नाम दिया गया है।

उत्तराखंड में निर्मित यह शराब सरकारी दुकानों में बेची जाएगी, जिसकी कीमत विदेशी शराब से काफी कम होगी। आबकारी आयुक्त के मुताबिक इस कदम से दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में आने वाली अवैध शराब पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। नए वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड के सभी जिलों में सरकारी दुकानों में मेट्रो शराब की बिक्री शुरू हो जाएगी, इसके लिए राजस्व सहित विभिन्न नियम-कायदे 31 मार्च से पहले तय किए जाएंगे।

आपको बता दें कि अब तक अंग्रेजी शराब की कितनी तीव्रता बनी है भारत में 42.8 है। जबकि देशी शराब की तीव्रता 36 और 25 फीसदी होती है। लेकिन, मेट्रो की तीव्रता 40 फीसदी होगी। यानी इसमें अल्कोहल की मात्रा 40 फीसदी होती है। हालांकि पहले कहा गया था कि जिन जिलों में देशी शराब नहीं बिकती है, वहां देशी शराब के विकल्प के तौर पर मेट्रो लियूर बनाया जाएगा। अब इसके लिए अलग से ठेके खोले जाएंगे और इसे विदेशी शराब की दुकानों से ही खरीदा जा सकेगा। राज्य की डिस्टिलरीज में फलों और सब्जियों के स्वाद वाली उच्च गुणवत्ता वाली स्पिरिट से मेट्रो लिकर बनाई जाएगी। अब नई आबकारी नीति में नई तरह की शराब की बिक्री की व्यवस्था की गई है।