उत्तराखंड में शिव बारात का होगा भव्य स्वागत, पशुपतिनाथ से त्रियुगीनारायण आएंगे बाराती

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देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक मामले को लेकर कई चीजें तेजी से चल रही हैं। 4 नवंबर को इस बात की पुष्टि हो गई है कि धीरेंद्र शास्त्री उर्फ ​​बागेश्वर धाम का दरबार देहरादून आ रहा है और दूसरी तरफ अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में हमें उत्तराखंड में एक भव्य धार्मिक यात्रा देखने को मिल सकती है।

उत्तराखंड सरकार और नेपाल सरकार के बीच चल रही है बातचीत

यह कोई वार्षिक यात्रा नहीं है जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं भव्य शोभा यात्रा की, जो काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर से उत्तराखंड के त्रियुगीनारायण तक निकाली जानी प्रस्तावित है। उत्तराखंड के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक, इस भव्य यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार और नेपाल सरकार के बीच बातचीत चल रही है।

महाराज ने कहा कि यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होगी। हम आपको बताना चाहते हैं कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह त्रियुगीनारायण मंदिर में हुआ था, उनके विवाह के बाद यहां सदियों से एक अखंड ज्योति प्रज्वलित है। ऐसा कहा जाता है कि यह सबसे बड़े विवाहों में से एक है, इस विवाह में भगवान विष्णु ने माता पार्वती के भाई की भूमिका निभाई थी।

मान्यताओं के अनुसार, उस दिन इस मंदिर में त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु महेश एक साथ मौजूद थे। शिव और पार्वती के इस विवाह में ब्रह्मदेव ने आचार्य की भूमिका निभाई। शिव और पार्वती के इस विवाह में भगवान ब्रह्मा ने पंडित की भूमिका निभाई थी। इन सभी कहानियों के बाद अब पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि शिव बारात यात्रा धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण घटना होगी।

उत्तराखंड में ग्रीष्मकालीन पर्यटन चारधाम यात्रा के रूप में बहुत अच्छा चल रहा है। ऐसे में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ाने में शिव बारात धार्मिक यात्रा काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। पशुपतिनाथ मंदिर से निकलेगी शिव बारात। हाल ही में एक और खबर सामने आई है जिसमें बताया गया है कि भारत का पहला पहुपति नाथ मंदिर पौड़ी के बिरमोली गांव में बनाया जाएगा।