500 साल पुरानी उत्तराखंड की प्रेम कहानी को प्रियंका मेहर और कमला देवी ने किया अमर, यूट्यूब पर छाया इनका गाना राजुला मालुसाही

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अगर प्रेम कहानियों और लोक कथाओं की बात करें तो ऐसी कई प्रेम कहानियां हैं जिनसे पूरा देश वाकिफ है। लैला मजनू, शिरीन फरहाद आदि की तरह ही उत्तराखंड में भी ऐसी प्रेम कहानियां हैं जिनके बारे में स्थानीय बच्चे भी अभी तक अनजान हैं। यह प्रेम कहानी शौका परिवार की राजकुमारी राजुला और कुमाऊं के कत्यूरी राजवंश के राजकुमार मालूशाही के बीच की कहानी बताती है।

2 हफ्ते में आए वीडियो पर 2 लाख से ज्यादा व्यू

एक तरफ जहां 15वीं सदी की इस प्रेम कहानी को कुमाऊं की मशहूर लोक गायिका कमला देवी ने अपनी मधुर आवाज में गाया है, जिसमें उनके साथ युवा गायिका प्रियंका महर की बेहतरीन जुगलबंदी सुनने को मिली हैं। हम बात कर रहे हैं हाल ही में प्रियंका मेहर के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल के बैनर तले रिलीज हुए नए गाने राजुला मालूशाही की, गाना दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।

गाने की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज दो हफ्ते के अंदर इसे दो लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। पहाड़ की पारंपरिक धुनों में रचे गए इस गाने की लोकप्रियता आज के डीजे गानों से कोसों दूर है, यह वाकई राज्य के उन गीतकारों और युवाओं के लिए एक मिसाल है जो अपनी सभ्यता-संस्कृति के लिए अपनी सभ्यता-संस्कृति का मजाक उड़ाने से नहीं कतराते। कुछ अनुयायी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड के कोने-कोने में बसी राजुला-मालूशाही की अमर प्रेम कहानी में त्याग, समर्पण और अमिट प्रेम देखने को मिलता है। यही वजह है कि 15वीं सदी की ये कहानी 21वीं सदी में भी मौजूद है। यूट्यूब पर रिलीज हुए इस गाने की बात करें तो इसे कंपोज किया गया है -सुभाष पांडे. हालाँकि गाने में केवल पारंपरिक गीत ही सुनने को मिलते हैं, लेकिन विवेक नौटियाल और प्रदीप रावत ‘खुदेड़’ की कुछ स्वरचित पंक्तियाँ शामिल की गई हैं। आपको बता दें कि मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के लाखनी गांव की रहने वाली लोक गायिका कमला देवी को मालूशाही गायन शैली में महारत हासिल है।