पहाड़ों में सरकारी स्कूलों की कहानी बयां कर रही है “प्राईमरी”, आ गई उत्तराखंड की अपनी वेब सीरीज को खूब पसंद कर रहे लोग

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

अक्षय कुमार से लेकर अभय देओल तक कई सितारे शॉपिंग के लिए उत्तराखंड फिल्म लोकेशन का चयन कर रहे हैं। वे अपनी फिल्मों/वेब सीरीज की शूटिंग के लिए उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में आते रहते हैं।

एक शिक्षक की खूबियां और खामियां बताती है प्राईमरी

लेकिन आज हम आपको यह बताने की बजाय एक मिनी सीरीज से रूबरू कराने जा रहे हैं कि आगे कौन सा सितारा आने वाला है, जहां सीरीज से जुड़ा हर शख्स पहाड़ों से है, निर्माता निर्देशक से लेकर भूमिका निभाने वाले छोटे-बड़े कलाकार तक। इससे न सिर्फ यह पता चलता है कि पहाड़ों में रहकर भी अच्छे फिल्मांकन वाली फिल्में और वेब सीरीज बनाई जा सकती हैं।

सबसे खास बात यह है कि प्राइमरी नाम की यह मिनी सीरीज रायकुनी के बैनर तले वहां के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई है। यह वेब सीरीज़ पंचायत वेब सीरीज़ की तरह बड़े पर्दे पर दिखाई जाने वाली कहानी पर आधारित है, जबकि यह राज्य के पहाड़ी इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों की शिक्षा को भी दर्शाती है। है।

12वी के बाद आई उत्तराखंड में आई प्राईमरी

इतना ही नहीं, इसमें यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ स्थानीय लोगों का स्कूल के प्रति विश्वास कैसे जीता जा सकता है। इस मिनी सीरीज प्राइमरी की कहानी पंकज राकुनी ने लिखी है और उन्होंने ही इसका निर्देशन और संपादन भी किया है।

संगीत सम्राट और जयंत, मेस्ट्रो म्यूजिक हलद्वानी द्वारा तैयार किया गया है। ड्रॉ शॉट अमित कुमार सिंह ने लिया है. साथ ही मदन मेहरा, खुशाल साह, खुशबू चौधरी, अंकिता परिहार और पंकज रकुनी ने मुख्य कलाकार की भूमिका निभाई है।

अगर इस मिनी सीरीज की कहानी की बात करें तो शुरुआत में इसमें पहाड़ों के प्राइमरी स्कूलों के दृश्य दिखाए गए हैं कि कैसे स्कूल का कामकाज चपरासी से लेकर प्रिंसिपल के स्कूल पहुंचने के बाद स्कूल का गेट खोलता है। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय गपशप करने में रुचि रखते हैं और अपने बच्चों के भविष्य के लिए दो माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल से निकालकर अंग्रेजी स्कूल में भेजते हैं।

इस समय इस विद्यालय में दो नए युवा शिक्षकों की नियुक्ति हुई, जो विद्यालय की स्थिति में बदलाव के साथ-साथ बच्चों को नवोदय विद्यालय के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी तैयार करते हैं। इसके लिए वे बच्चों को अपना अतिरिक्त समय देने से भी नहीं कतराते। खासकर फिल्म के किरदार शुभम सर का बच्चों के प्रति समर्पण और उनका सकारात्मक रवैया इस मिनी सीरीज को और भी रोचक और प्रेरणादायक बनाता है