आज हम आपको रुद्रप्रयाग के फलाटी गांव के रहने वाले प्रदीप सिंह कंडारी की कहानी बता रहे हैं। अपने सपने के लिए जुनून की हद तक जाना किसे कहते हैं, यह कोई प्रदीप की जिंदगी से सीख सकता है। प्रदीप जिनका 20 वर्षों तक देश की सेवा करने का गौरवशाली अतीत है।
2012 में हो गए थे भारतीय वायुसेना से सेवा निवृत
कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद युवक ने 20 साल तक वायु सेना में हवलदार के रूप में देश की सेवा की है। अब बनिए नायब तहसीलदार। इतना ही नहीं, यह कैसे संभव हो सकता है कि सेवा के बाद आरामदायक जिंदगी का मोह छोड़कर दोबारा कड़ी मेहनत कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले को सफलता न मिले। जी हां, देवभूमि का बेटा प्रदीप सिंह कंडारी बीते सोमवार को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की lower PCS परीक्षा में सफलता हासिल कर अब नायब तहसीलदार बन गए हैं।
रुद्रप्रयाग के फलाटी गांव के रहने वाले प्रदीप सिंह कंडारी साल 2021 में एयरफोर्स से हवलदार के पद से रिटायर हुए हैं. जब प्रदीप अपने गांव लौटे तो उन्होंने खुद को घर पर खाली बैठने से नहीं रोका और पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। नतीजा दुनिया के सामने है हालांकि, अपर पीसीएस प्री परीक्षा पास करने के बाद भी प्रदीप मुख्य परीक्षा के नतीजों का इंतजार कर रहे थे।
वहीं, सोमवार को जब लोअर पीसीएस का रिजल्ट आया तो उनका चयन नायब तहसीलदार पद के लिए हो गया। परिवार में दो भाइयों ने भी सफलता की कहानियां लिखी हैं। एक भाई संदीप कंडारी आईबी में डिप्टी डायरेक्टर हैं जबकि छोटे भाई जसवंत कंडारी चमोली में जिला पूर्ति अधिकारी हैं। प्रदीप के मुताबिक उन्हें भी प्रशासनिक सेवा में जाने की प्रेरणा दोनों भाइयों से मिली। प्रदीप युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं।