जब दिल्ली की हवा सांस लेने के लिए जहरीली हो गई तो एनसीआर के लोगों ने उत्तराखंड का रुख करना शुरू कर दिया, वहीं अब यहां के भी कई शहर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं, यहां के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। वाहनों और उद्योगों की वृद्धि के साथ देहरादून, हरिद्वार और काशीपुर में प्रदूषण तीव्र गति से बढ़ रहा है। फिलहाल कई जगहों पर AQI सामान्य स्थिति में है, लेकिन जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है, दिवाली को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य के उन दस शहरों में प्रदूषण पर नजर रख रहा है, जहां AQI खराब चल रहा है। मॉनिटरिंग 19 नवंबर तक जारी रहेगी। हम प्रदेश के शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति भी जानेंगे। 25 अक्टूबर को देहरादून का AQI 58 था।
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दिवाली पर काम करिये प्रदुषण वर्ण हो जायेंगे बीमार
जबकि 5 नवंबर को की गई मॉनिटरिंग में यह दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 124 हो गया। 101 से 200 तक AQI सामान्य श्रेणी में आता है, लेकिन यह फेफड़ों, अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए सांस लेने में समस्या पैदा कर सकता है। 25 अक्टूबर को हरिद्वार में AQI 100 था, जो 6 नवंबर को 120 से 130 तक पहुंच गया। यहां सिडकुल और ऋषिकुल में मॉनिटरिंग की जा रही है। काशीपुर का AQI 111.50 है। ऐसे में दिवाली पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है।
ऋषिकेश में स्थिति अभी भी बेहतर है। यहां AQI 62 दर्ज किया गया. पौडी की हवा भी स्वच्छ है। नवंबर में यहां 34.65 AQI दर्ज किया गया था। प्रदूषण बढ़ने के कारणों में सड़कों से उड़ने वाली धूल, घटता तापमान, आग जलाना, धूल के कण, निर्माण कार्य और वाहनों का धुआं समेत कई कारक शामिल हैं। वायु प्रदूषण और ठंड के कारण सांस और हृदय रोगियों को दिक्कत हो सकती है।
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सुरक्षा के लिए जरूरी है कि अपने घर के आसपास किसी भी प्रकार की लकड़ी न जलाएं या भारी आग न लगाएं और घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें। बीमार और बुजुर्ग लोगों को प्रदूषित हवा के संपर्क में आने के लिए घर से बाहर न भेजें। आपको बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून, ऋषिकेष, हरिद्वार, काशीपुर, हलद्वानी, रुद्रपुर, टिहरी और नैनीताल समेत राज्य के 10 शहरों पर निगरानी रख रहा है, जो 19 नवंबर तक जारी रहेगा।