हम सभी जानते हैं कि कुमाऊं विश्वविद्यालय ने हाल ही में बड़ी धूमधाम से अपना 18वां दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया है। यह दीक्षांत समारोह अमर उजाला के दिवंगत संस्थापक की याद में आयोजित किया जाता है। मुरारी लाल माहेश्वरी मेमोरियल गोल्ड मेडल। इस मौके पर कुमाऊं यूनिवर्सिटी ने अपने टॉपर छात्रों को सम्मानित किया है।
हल्द्वानी की रहने वाली है पाखी पांडे
कई छात्रों को स्वर्ण पदक और अन्य पुरस्कार भी मिले हैं। आज हम आपको पाखी पांडे नाम की लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, उत्तराखंड के नैनीताल जिले की यह बेटी भी स्वर्ण पदक जीतने वाले छात्रों की सूची में शामिल थी। इस समारोह में पाखी पांडे को कुलपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
आपको बता दें कि पाखी को यह मेडल अंग्रेजी विषय में एमए में पूरे कुमाऊं विश्वविद्यालय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, पाखी बचपन से ही मेधावी छात्रा हैं और उन्हें पढ़ाई में गहरी रुचि है। उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा नैनीताल के प्रतिष्ठित सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने डीएसबी कैंपस नैनीताल से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
आपको बता दें कि पाखी के पिता स्वर्गीय गिरीश चंद्र पांडे, जो कि नैनीताल डीएम कार्यालय में कार्यरत थे, का निधन कोविड काल के दौरान हो गया था. पूरा परिवार सदमे में था, उनका जीवन अंधकार में था। इसके बाद उनकी माँ को उनके पिता के स्थान पर नैनीताल कार्यालय में नौकरी मिल गयी।
पाखी ने भी आगे बढ़ने का फैसला किया और वह इस परिस्थिति में भी मेहनत से पढ़ाई करती रही. और उनकी मेहनत आखिरकार अब रंग लाई। बेटी की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।