हसीन वादी और सुंदर पहाड़ों के बीच ऊखीमठ में शादी करने के लिए करे आवेदन, यही हुई थी श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की शादी

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देवभूमि में उखीमठ वह स्थान है, जो भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध और राक्षस राजा बाणासुर की पुत्री उषा के विवाह के लिए जाना जाता है।अब उत्तराखंड सरकार इस जगह को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने की योजना बना रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में शादी का नारा दिया है।

शादी के मुहूर्त के लिए BKTC में करे आवेदन

इसी कड़ी में त्रियुगीनारायण के बाद अब केदारनाथ गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विवाह समारोह आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। इस साल पहली बार ऊखीमठ के उषा-अनिरुद्ध विवाह भवन में पहली पंजीकृत शादी होगी। हालांकि, यहां पहले भी कई लोगों ने शादियां की होंगी, लेकिन इन शादियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

अब यहां त्रियुगीनारायण की तर्ज पर विवाह समारोह आयोजित किए जाएंगे। विवाह समारोह के लिए दिल्ली और देहरादून से भी दो परिवारों ने आवेदन किया है। इस कार्य के लिए बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने विशेष प्रयास शुरू कर दिए हैं।

एक ओर जहां ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में शादियों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, वहीं 4.70 करोड़ रुपये की लागत से कोठा भवन के पहले चरण का काम शुरू हो गया है. बीकेटीसी के मुताबिक, दिल्ली के एक परिवार ने 18 अप्रैल 2024 को ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में शादी करने के लिए आवेदन किया है।

वहीं दून से भी एक परिवार ने शादी के लिए आवेदन किया है। हालांकि उन्होंने अभी तक इसकी तारीख नहीं बताई है। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि उषा-अनिरुद्ध विवाह स्थल के सौंदर्यीकरण के साथ ही यहां अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी, ताकि त्रियुगीनारायण की तर्ज पर यहां भी विवाह स्थल को बढ़ावा दिया जा सके।

एक पौराणिक कथा के अनुसार शोणितपुर नगर के राक्षस राजा बाणासुर की पुत्री उषा का विवाह ऊखीमठ में ही श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध से हुआ था। उषा के अनिरुद्ध से विवाह के बाद इस स्थान को उषामठ के नाम से जाना जाने लगा और बाद में इसे उखीमठ के नाम से जाना जाने लगा। इस स्थान पर उषा-अनिरुद्ध विवाह भवन आज भी मौजूद है।

यहां विवाह समारोह आयोजित करने के लिए बीकेटीसी शांतिकुंज के नियमों का अध्ययन कर अपने विवाह के नियम तैयार कर रहा है। अधिशाषी अधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि बीकेटीसी को शादी के लिए दो आवेदन मिले हैं। उक्त परिवारों द्वारा अंतिम सूचना दिए जाने के बाद विवाह पंजीकृत किया जाएगा।

अधिशाषी अधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि बीकेटीसी को शादी के लिए दो आवेदन मिले हैं। उक्त परिवारों द्वारा अंतिम सूचना दिए जाने के बाद विवाह पंजीकृत किया जाएगा।