अब उत्तराखंड सरकार की लोगों को ब्रह्मांड से जोड़ने की तैयारी, नैनीताल आने वाले सैलानी अब प्राकृतिक पर्यटन के अलावा उठा सकेंगे एस्ट्रो टूरिज्म का भी लुत्फ

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उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल की खूबसूरती पूरी दुनिया में मशहूर है, हर साल दुनिया भर से कई पर्यटक यहां आते हैं। हर कोई इसके प्राकृतिक आवास और विभिन्न वनस्पतियों और जीवों के स्थान का दीवाना है। सरोवर नगरी में प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं। जो इस जगह की खूबसूरती के कायल हो जाते हैं। खूबसूरत पहाड़ों और नैनी झील को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक इस जगह के प्रशंसक हैं। इस क्षेत्र में कई झीलें हैं। और अब नैनीताल आने वाले और यहां की प्राकृतिक सुंदरता में खो जाने वाले पर्यटकों के लिए एक और अच्छी खबर आ रही है। नैनीताल आने वाले पर्यटक अब ब्रह्मांड के रहस्य भी जान सकेंगे।

पर्यटकों को ब्रह्मांड में छुपे कई राज के बारे चलेगा पता

नैनीताल आने वाले पर्यटकों को एस्ट्रो टूरिज्म से भी जोड़ने के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम और आर्यभट्ट ट्रांसमिशन साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट एरिस के बीच एक समझौता हुआ है। टी.आर.सी. सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुमाऊं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक संदीप तिवारी और एरीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दीपकन बनर्जी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये।

कुमाऊं मंडल के संदीप ने कहा कि नैनीताल आने वाले पर्यटकों को सिर्फ झीलें और पहाड़ ही दिखते हैं लेकिन इस बार वे यहां की खूबसूरती के साथ-साथ ब्रह्मांड के रहस्यों को भी जान सकेंगे।यहां आने वाले पर्यटकों में ब्रह्मांड के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए एस्ट्रो टूरिज्म की शुरुआत की गई है।

कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से प्रतिदिन 25 सदस्यों की टीम शहर से एरीज भेजी जाएगी। एरीज के डॉ. दीपाकर ने बताया कि आर्यभट्ट प्रेक्षण संस्थान में स्कूली छात्रों समेत स्थानीय लोगों को ब्रह्मांड के बारे में पहले से ही जानकारी दी जाती थी। लेकिन अब पर्यटकों को ब्रह्मांड के रहस्यों से भी रूबरू कराया जाएगा।