इस बार उत्तराखंड में शिव के तृतीय केदार में उमड़ रहा आस्था का सैलाब, तुंगनाथ में आ रहे है इस साल रिकार्ड तोड़ भक्त

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हर साल चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड संख्या बन रही है। लेकिन इस साल धामों से इतर तुंगनाथ धाम में श्रद्धालु नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. इस बार 56 दिनों की अवधि में कुल 67,851 श्रद्धालुओं ने तृतीय केदार तुंगनाथ में पूजा-अर्चना और जलाभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। उम्मीद है कि पूरे सीजन में यह आंकड़ा दो लाख के पार जाने की उम्मीद है। राज्य में चारधाम यात्रा जारी है लेकिन बारिश के कारण प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है। चारधाम यात्रा के इस सीजन में कई कीर्तिमान स्थापित हुए हैं।

यात्रा को हुए 50 दिन और आकड़ा 50000 के पर

इसी क्रम में बाबा केदारनाथ के साथ ही तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट भी 10 मई को ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये हैं और इन दिनों मात्र 50 दिनों में कई पर्यटक आए, 15 विदेशी पर्यटकों के साथ 39,296 पुरुष, 21,073 महिलाएं, 7,018 बच्चे और 449 भिक्षु-भिक्षुणियां तुंगनाथ धाम पहुंचीं और पुण्य प्राप्त किया। मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण के अनुसार, इस वर्ष 56 दिनों में तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 67,000 से अधिक हो गई है और कपाट बंद होने तक यह संख्या दो लाख से अधिक हो सकती है।

तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि इस वर्ष भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद से तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी। जुलाई की शुरुआत से ही तुंगनाथ धाम में तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और दर्शनार्थियों की आवाजाही में थोड़ी गिरावट देखी गई है। हालांकि, सावन के महीने में तीर्थयात्रियों की संख्या एक बार फिर बड़े पैमाने पर बढ़ने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि चोपता से चंद्रशिला तक सीधे दर्शन करने वाले पर्यटकों को मंदिर समिति के रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया है, जो यात्री मंदिर में पूजा और जलाभिषेक के लिए आते हैं उन्हें ही मंदिर समिति के रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। तुंगनाथ धाम में तीर्थयात्रियों, पर्यटकों एवं आगंतुकों की भारी संख्या के कारण तुंगनाथ घाटी के तीर्थ एवं पर्यटन व्यवसाय में भारी वृद्धि हुई है, जिससे मंदिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है।