उत्तराखंड में शुरू हुआ मेरी माटी मेरा देश अभियान, अमृत कलश यात्रा करके शहीदों की याद में उनके घर की मिट्टी से बनेगा स्मारक

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हाल ही में उत्तराखंड में एक बहुत अच्छी पहल शुरू की गई जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्तरीय ‘अमृत कलश यात्रा’ में भाग लिया, यह यात्रा शनिवार को हिमालयन कल्चर सेंटर, निम्बूवाला, गढ़ी कैंट में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई थी।

हर राज्य में चल रही है अमृत कलश यात्रा, लोग भी बढ़-चढ़कर ले रहे हैं हिस्सा

मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत देशभर से लाए गए अमृत कलशों का दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए भव्य स्वागत किया गया। कर्तव्य पथ पर अमर शहीदों की वीरता की अखंड विरासत को संजोकर भविष्य की प्रेरक नींव रखने के उद्देश्य से वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में”मेरी माटी, मेरा देश” अभियान से हमें उन वीरों को नमन करने का अवसर मिला है, जिन्होंने देश की माटी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस महान अभियान में सभी ने अपनी भूमिका निभाई है। जिसका परिणाम यह है कि “अमृत कलश यात्रा” में देवभूमि के दूरस्थ क्षेत्रों के 95 विकासखंडों एवं 101 नगर निकायों के कुल 192 स्वयंसेवक एवं नेहरू युवा केंद्र के 166 स्वयंसेवक उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह अमृत वाटिका उनके द्वारा दिए गए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को पूरा करने में मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र तभी महान बनता है जब उसके नागरिकों को अपने देश, अपनी संस्कृति, अपनी परंपराओं और अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा और गर्व हो।

हमारी देवभूमि वीरों की भूमि है, बलिदानों की भूमि है और अब तक हुए सभी युद्धों में हमारे सैनिकों ने यह सिद्ध किया है। यह कलश यात्रा न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में “मेरी माटी मेरा” देश अभियान के तहत अमर शहीदों के त्याग और बलिदान को हमारे मन में चिरस्थाई बनाए रखने के उद्देश्य से की जा रही है।

इस यात्रा के तहत अमर शहीदों की पवित्र स्थली की मिट्टी को अमृत कलश में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर ले जाया जा रहा है। अमृत ​​कलश यात्रा के तहत देशभर से 7500 कलशों से आने वाली मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ‘अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी।