उत्तराखंड की मानसी घनशाला ने रचा इतिहास, 22 साल की उम्र में फ्लाइंग ऑफिसर बनने वाली पहली महिला

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आज उत्तराखंड की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, न केवल परिपक्व हो रही हैं, बल्कि अब जो बच्चे अपनी जिंदगी बनाने के लिए चल पड़े हैं, वे प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। यहां की बेटियां भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना में ऊंचे पदों पर तैनात होकर न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं, बल्कि राज्य का नाम भी रोशन कर रही हैं, जो कई लोगों का सपना होता है।

हो सकती सबसे कम उम्र की फ्लाइंग ऑफिसर

आज हम आपको प्रदेश की एक ऐसी बेटी से मिलवाने जा रहे हैं जिसने दूसरी बेटियों के लिए भी प्रेरणा बनी है। हम बात कर रहे हैं पौढ़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार क्षेत्र के बालासौड़ की रहने वाली 22 वर्षीय मानसी घनसाला की, उन्हें भारतीय वायु सेना में अब तक की सबसे कम उम्र की महिला फाइटर पायलट के रूप में चुना गया है।

मानसी की इस बड़ी उपलब्धि के बाद, उनके पिता श्रेष्ठमणि घनसाला और माता करुणा देवी घनसाला अपनी बेटी की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। आपको बता दें कि मानसी पढ़ाई में हमेशा से एक मेधावी और मेधावी छात्रा रही हैं। वह बचपन से ही पढ़ाई और खेल में अव्वल रही हैं। मानसी घनसाला ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में टॉप किया था।

आपको बता दें कि मानसी का बचपन से ही वायुसेना में फाइटर पायलट बनने का सपना था। मानसी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए AFCAT परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके बाद उन्होंने एयरफोर्स एकेडमी से डेढ़ साल की पूरी ट्रेनिंग की और मानसी उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की फाइटर पायलट बन गईं।

उनकी सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है और घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। आपको बता दें कि मानसी की तीन बहनें हैं उन बहनों में मानसी बचपन से ही पढ़ाई और कुश्ती में अव्वल रही हैं।

मानसी को इंटरस्कूल गेम्स और अपने स्कूल की अन्य प्रतियोगिताओं में भी कई पदक और पुरस्कार मिले हैं। मानसी ने मैट्रिक में हाई स्कूल बोर्ड में पूरे 100% अंकों के साथ टॉप किया था और 12वीं कक्षा में मैट्रिक में ही रही।