हैट्रिक गर्ल के बाद हरिद्वार की एक और लड़की करेगी उत्तराखंड का नाम रोशन, मनीषा चौहान का FIH प्रो लीग में हुआ चयन

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जब बात उत्तराखंड की बेटी की प्रतिभा की आती है तो चीजें बहुत अच्छी हो रही हैं। जल्द ही भारतीय महिला हॉकी टीम एफआईएच प्रो लीग खेलने के लिए बेल्जियम और इंग्लैंड जाएगी, जिसमें उत्तराखंड की मनीषा चौहान भी खेलेंगी। राज्य की बेटियां लगातार हर क्षेत्र में चयनित होकर उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही हैं। इसी क्रम में श्यामपुर, हरिद्वार निवासी मनीषा चौहान का चयन भारतीय महिला हॉकी टीम में हुआ है।

अगले महीने बेल्जियम में होने वाले मुकाबले में हुआ चयन

जिसके बाद परिजनों और क्षेत्रवासियों के चेहरे बेहद खुश हैं। जल्द ही भारतीय महिला हॉकी टीम FIH प्रो लीग (इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन) खेलने के लिए बेल्जियम और इंग्लैंड जाएगी। जिसमें उत्तराखंड की मनीषा को अपनी प्रतिभा और प्रदर्शन दिखाने का मौका मिल रहा है। आपको बता दें मनीषा चौहान के बारे में उनका जन्म 1999 में श्यामपुर, हरिद्वार में हुआ था। उनके पिता ज्ञान सिंह फौजी हैं, वह हाल ही में बीएसएफ से रिटायर होकर घर लौटे हैं। श्रीराम विद्या मंदिर श्यामपुर में पढ़ाई के दौरान मनीषा ने अपने स्कूल के लिए हॉकी खेलना शुरू किया। इसके बाद सीबीएसई द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में उनका प्रदर्शन बेहतर हुआ और उन्होंने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीता।

वर्ष 2016 में उन्होंने जूनियर महिला राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तराखंड टीम की कप्तान के रूप में भाग लिया। इसके बाद वर्ष 2018 में उनका चयन नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, दिल्ली के लिए हुआ और फिर उन्हें 2019 में केन्या और बांग्लादेश में खेलने का मौका मिला। उन्होंने वर्ष 2020 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और देश के पहला खेलो इंडिया में भाग लिया। 2021 में पहली हॉकी इंडिया सीनियर महिला इंटर डिपार्टमेंट नेशनल चैंपियनशिप में कप्तान और सर्वश्रेष्ठ मिड-फील्डर का पुरस्कार जीता।

मनीषा की महिमा यहीं नहीं रुकी, उन्होंने हाल ही में पुणे में आयोजित 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 2024 में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता और अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण, मनीषा आखिरकार खेलने के लिए तैयार हो गईं। देश ने हॉकी इंडिया की सीनियर महिला राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई। मनीषा अपने हॉकी करियर का श्रेय अपने कोच बलविंदर सिंह को देती हैं। कोच बलविंदर सिंह ने बताया कि मनीषा को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी काफी रुचि थी और उसने नौ साल की उम्र में कक्षा 5 से हॉकी खेलना शुरू कर दिया था. मनीषा की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें भारतीय टीम का नेतृत्व करने का मौका दिया है।