स्विमिंग पूल में बेटे को तैराकी सिखाते वक्त अल्मोड़ा के मेजर हरीश चंद्र मेलकानी हुए शहीद, परिवार में शोक की लहर

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उत्तराखंड के अल्मोडा जिले से एक दुखद खबर सामने आ रही है, जहां धौलादेवी विकासखंड गुणादित्य निवासी मेजर हरीश चंद्र मेलकानी मध्य प्रदेश के जबलपुर के सिकंदराबाद में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए हैं। इस दुखद घटना की सूचना के बाद उनके परिवार समेत पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है. शहीद मेजर हरीश चंद्र को आज जागेश्वर धाम के घाट पर 19 कुमाऊं और 22 राजपूत सहित ईएमआई रेजिमेंट ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए पूरे सैन्य साजो-सामान के साथ अंतिम विदाई दी।

जागेश्वर धाम के घाट पर सेना की टुकड़ी की श्रद्धांजली से हुई अंतिम विदाई

जानकारी के अनुसार, अल्मोडा जिले के धौलादेवी ब्लॉक के गुणादित्य के पास स्थित स्वाडी ताइक निवासी 42 वर्षीय मेजर हरीश चंद्र मेलकानी पुत्र रामदत्त मेलकानी मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईएमआई रिकॉर्ड में तैनात थे। बीते शनिवार को वह अपने 12 साल के बेटे वैभव के साथ स्विमिंग पूल में प्रैक्टिस कर रहे थे, लेकिन काफी देर बाद भी जब वह स्विमिंग पूल से बाहर नहीं आए, जिससे उनका बेटा वैभव घबरा गया और शोर मचाने लगा। उनकी बात सुनकर वहां मौजूद आर्मी पर्सनल आ गए।

सभी जवान मौके पर पहुंचे और मेजर हरीश चंद्र पूल को बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से उनके परिवार में हड़कंप मच गया और पूरे इलाके में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने बताया कि मेजर हरीश बचपन से ही काफी होनहार बच्चे थे, वह करीब 22 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे और कुछ साल पहले ही उन्होंने मेजर की रैंक हासिल की थी। इससे पहले वह कुमाऊं रेजीमेंट में भी तैनात रह चुके हैं।

अन्य दिनों में हरीश अपने बेटे वैभव को पत्नी रेनू के साथ स्विमिंग पूल में ले जाते थे, लेकिन शनिवार को हरीश अपने बेटे वैभव को लेकर स्विमिंग पूल में गए और इसी दौरान वह शहीद हो गए। सोमवार को मेजर हरीश को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।