वैसे तो उत्तराखंड के हर मंदिर और देवी-देवताओं के मंदिरों में ढोल-नगाड़ों की थाप सुनाई देती है, लेकिन इस बार बात अलग होगी, इस बार पूरी अयोध्या नगरी और करोड़ों लोग जयकारे लगाएंगे और उनकी आवाज भजनों से गूंजेगी उत्तराखंड के प्रमुख वाद्य यंत्र हुड़के की थाप पर जय श्री राम की गूंज।
लखनऊ पहुँच कर प्राण प्रतिष्ठा के लिए रिकॉर्ड करे की गाने
जी हाँ, आपने सही सुना, इस शुभ अवसर पर 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन समारोह है। जिसके लिए मूल रूप से उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के स्यूनी गांव निवासी महेश राम को विशेष निमंत्रण मिला है।
हम महेश के जीवन पर प्रकाश डालना चाहते हैं। वह बचपन से ही हुड़का वाद्य यंत्र बनाते और बजाते रहे हैं। वह भाव राग ताल नाट्य अकादमी पिथौरागढ़ से जुड़े रहे हैं, अकादमी लंबे समय से पहाड़ की संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है। बताया गया है कि वह 18 जनवरी को लखनऊ पहुंचेंगे।
जिसके बाद वह केंद्रीय नाट्य अकादमी, नई दिल्ली की टीम के साथ अयोध्या के लिए रवाना होंगे। इस दौरान महेश राम देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रमुख वाद्ययंत्र वादकों के साथ यहां राम भजन भी रिकॉर्ड करेंगे। इतना ही नहीं वह 22 जनवरी को अयोध्या में हुड़का की धुन पर राम भजन भी प्रस्तुत करेंगे।
मीडिया से बात करते हुए महेश कहते हैं कि उन्हें दुख है कि नई पीढ़ी पुराने वाद्ययंत्रों को विलुप्त होने से रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। इसके पीछे का कारण बताते हुए महेश कहते हैं कि नई पीढ़ी को अपने पुश्तैनी काम करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता, अगर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए तो पहाड़ के युवा सदियों से चली आ रही संस्कृति और परंपरा को बचाने का प्रयास कर सकते हैं।