उत्तराखंड के बाज़ारो में छा गई गेठी गडेरी, जड़ीबूटी से कम नही है उत्तराखंड की ये सब्जी

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बहुत से लोग नहीं जानते लेकिन जैविक तरीके से उगाए गए पहाड़ी अनाज और सब्जियां स्वाद से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत स्वास्थ्यवर्धक भी होती हैं। यहां उगाई जाने वाली कई जड़ी-बूटियों, सब्जियों में सर्दियों में औषधीय सब्जियां उपलब्ध होती हैं। हम बात कर रहे हैं स्थानीय सब्जी गेठी गडेरी की जो यहां के लोगों के बीच प्रमुख है।

पोषक तत्वों का खजाना है उत्तराखंड की सब्जी

हल्द्वानी की सब्जी मंडी में गेठी और गडेरी की आवक हो गई है। लोग इन्हें बड़े चाव से खरीद रहे हैं। इन दोनों पहाड़ी सब्जियों में औषधीय गुण हैं। इनका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। कुमाऊं के पहाड़ों की सबसे मशहूर सब्जियां गेठी और गडेरी पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी खूब पसंद की जाती हैं।

इसका कारण इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हैं। गेठी और गडेरी की सब्जी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन और कैल्शियम और कई अन्य विटामिन भी होते हैं। कहा जाता है कि यह सब्जी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

वे शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज का संतुलन बनाए रखते हैं। पर्याप्त मात्रा में फाइबर होने के कारण ये दोनों सब्जियां गर्म प्रकृति की मानी जाती हैं। गडेरी और गेठी की प्रकृति गर्म होती है इसलिए इनका सेवन सर्दियों में अधिक किया जाता है। गडेरी और गेठी सब्जियां उत्तराखंड की स्थानीय सब्जियां हैं जो कि नैनीताल जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों और अल्मोडा जिले के कोसी नदी की घाटी वाले क्षेत्रों में उगाई जाती हैं।

यहां किसान बड़ी मात्रा में इस सब्जी का उत्पादन करते हैं। जो यहां के किसानों के लिए रोजगार का एक जरिया भी है। हमने इन सब्जियों की खूबियों के बारे में तो बात कर ली, अब आपको इनकी कीमतों के बारे में भी बता देते हैं। हलद्वानी सब्जी मंडी में गडेरी 40-50 रुपये प्रति किलो के दाम पर मिलती है।