एक ओर जहां उत्तराखंड अपनी समृद्ध सुंदरता और प्राकृतिकता के लिए जाना जाता है, ऊंचे पहाड़ और प्राकृतिक मनोरम दृश्य आंखों को बहुत आराम देते हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड को प्रकृति का आशीर्वाद भी माना जाता है क्योंकि यहां प्रकृति ने उत्तराखंड के लोगों को कुछ ऐसे मुफ्त उपहार प्रदान किए हैं। जो हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं. ऐसी कई औषधीय जड़ी-बूटियाँ हैं जो लोगों को कई बीमारियों से लड़ने में मदद कर रही हैं। ऐसा ही एक मुफ़्त उपहार निरोगी और अमृत फल किलमोड़ा भी है।
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आप भी जाने किलमोड़ा से होने वाले फायदे और नुकसान को
आपको बता दें कि उत्तराखंड में कई फल हैं जो अमृत से कम नहीं हैं, लेकिन आज हम जिस फल के बारे में बात करने जा रहे हैं उसका नाम किलमोड़ा है। किलमोड़ा, एक पहाड़ी फल है जिसके बीज औषधि से भरपूर होते हैं और जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाते हैं और हमें विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता भी देते हैं।आपको बता दें कि किलमोड़ा यह फल कंटीली झाड़ियों में उगता है और इसका रंग नीला या लाल होता है। इतना ही नहीं हम आपको इस फल की एक और खासियत बता दें कि यह फल जितना छोटा दिखता है, इसके गुण उतने ही ज्यादा हैं।
इतना ही नहीं, उत्तराखंड में उगने वाला यह फल पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है, इसके बाद इसकी एक ही वजह है, वह है इसमें मौजूद औषधीय गुण जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गए हैं। आइये जानते हैं इसके कुछ दुर्लभ गुण।
- किलमोड़ा स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
- यह फल किलमोड़ा विटामिन सी का समृद्ध स्रोत है और यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
- किलमोड़ा के बीज में पोटेशियम होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है।
- इस फल में फाइबर भी अच्छी मात्रा में होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
- इस फल के सेवन से कफ, वात और पित्त को शांत करने में भी मदद मिलती है।
- यह फल मरीज को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है
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किल्मोडा वैसे के और भी कई फायदे हैं इसका उपयोग आधुनिक दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। यह शर्म की बात है कि लोग और बच्चे आज खुद को स्वस्थ रखने के लिए रसायनों पर भरोसा कर रहे हैं क्योंकि वे इन प्राकृतिक फलों का सेवन करके भी स्वस्थ रह सकते हैं, इससे बेहतर परिणाम मिलते हैं और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।