उत्तराखंड में बन रहा है भारत का पहला कांच का सेतु, क्या भारत के पहले ग्लास ब्रिज बजरंग सेतु पर चल पाएंगी गाड़ियां

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हरिद्वार को पुलों का शहर कहा जाता है क्योंकि यहां गंगा पर कई पुल हैं। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं बजरंग सेतु एल की. जो कि उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया जाना है। ये पुल यहां पर्यटन का नया आधार बनेगा. पुल निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।

अगले साल जनवरी में बनकर तैयार हो जायेगा बजरंग सेतु

अगले साल जनवरी के पहले सप्ताह में बजरंग सेतु बनकर तैयार हो जाएगा। फिलहाल ऋषिकेश का लक्ष्मणझूला पुल यातायात के लिए बंद है। जिससे स्वर्गाश्रम और तपोवन के बीच आवागमन में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प के तौर पर बजरंग सेतु बनाया जा रहा है।

68 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 132.50 मीटर स्पान के इस पुल का निर्माण कार्य पिछले साल जनवरी से शुरू किया गया था. करीब 57 मीटर ऊंचे इस पुल का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. बजरंग सेतु अपने आप में अनोखा पुल होगा. यहां पुल के दोनों ओर कांच के फुटपाथ बनाए जाएंगे। दोनों तरफ डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ 65 मिमी मोटे शीशे से बनाए जाएंगे।

इस ब्रिज की खास बात यह है कि यह उत्तर भारत का पहला ग्लास फुटपाथ वाला ब्रिज होगा। बताया जा रहा है कि पुल पर हल्के चार पहिया वाहन भी चलेंगे। पुल के टावर के दोनों तरफ केदारनाथ धाम की आकृति बनाई जाएगी। लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर के अधिकारियों का कहना है कि पुल का ढांचा चंडीगढ़ में तैयार किया गया है। जिसके अधिकांश हिस्से भी पहुंच चुके हैं। जनवरी तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा। आपको बता दें कि ऋषिकेश का लक्ष्मणझूला पुल 92 साल पुराना हो गया था। पुल जर्जर होने के कारण यहां आवागमन बंद कर दिया गया था।

पुल के जर्जर होने के कारण पहले यहां आवागमन बंद कर दिया गया था। अब पर्यटकों और स्थानीय लोगों को दो किमी दूर रामझूला से सफर करना पड़ता है, लेकिन फिलहाल रामझूला पुल पर भी दोपहिया वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। जिससे परेशानी और बढ़ गई है। बजरंग सेतु के निर्माण के बाद पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।