बढ़ती बेइंतहा गर्मी से परेशान उत्तराखंड के लोग, देहरादून में टूटा 122 सालों का रिकार्ड हल्द्वानी में भी पारा जयपुर से ज्यादा

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जब रिकॉर्ड तोड़ने की बात आती है तो उनमें सबसे ऊपर हैं हल्द्वानी और देहरादून का नाम, इन दोनों जगहों ने इस साल गर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बढ़ती गर्मी ने पहले ही लोगों को परेशान कर रखा है। क्योंकि चिलचिलाती गर्मी के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। पिछले कुछ दिनों से शहर में गर्मी ने लोगों का पसीना छुड़ा दिया है। कल बुधवार को हलद्वानी में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। बुधवार को हलद्वानी शहर का तापमान 43.4 डिग्री रहा। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि बुधवार को हलद्वानी का तापमान जयपुर से भी ज्यादा था। राजधानी देहरादून में भी गर्मी ने पिछले 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

लू के चलते 12 से 4 लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए किया मना

एक तरफ जहां बुधवार को देश के प्रमुख शहरों का तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया। हल्द्वानी में भी तापमान रिकार्ड 43.4 डिग्री तक पहुंच गया। इससे पहले, 23 जून 2009 को हलद्वानी में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री था। ध्यान देने वाली बात यह है कि बुधवार को जयपुर में तापमान 42 डिग्री था। हलद्वानी में तापमान बढ़ने से दिनभर उमस और चिलचिलाती धूप ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया।

गुरुवार को राजधानी देहरादून का तापमान 122 साल के उच्चतम स्तर पर रहा, कल यहां का तापमान 42.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं इससे पहले 4 जून 1902 को दून का तापमान 43.9 डिग्री दर्ज किया गया था। इसके अलावा मैदानी इलाकों में लू को लेकर आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि पांच पर्वतीय जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

भीषण गर्मी के कारण उत्तराखंड के कई मैदानी शहरों में आसमान से आग बरस रही है. लू की मार ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. तापमान बढ़ने से सड़कों पर सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को हो रही है. अस्पतालों में मुख्य रूप से पेट संबंधी समस्याओं, उल्टी और दस्त की शिकायतों वाले लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इस बार की भीषण गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हर महीने एक नया रिकॉर्ड बन रहा है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले सालों में क्या होगा, कौन जानता है।