अब प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की कठिन यात्रा को आसान बनाने के लिए सरकार ने यात्रा मार्ग पर पुलना से भ्यूंडार गांव तक सड़क बनाने का निर्णय लिया है। सड़क निर्माण के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गयी है।
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सड़क बनने के बाद आठ किलोमीटर रह जाएगा पैदल मार्ग
सड़क बनने के बाद यात्रियों को सिर्फ आठ किलोमीटर पैदल चलना होगा और एक दिन में हेमकुंड साहिब के दर्शन कर वापस लौट सकेंगे। इस तरह आने वाले समय में तीर्थयात्रा के लिए पैदल दूरी जल्द ही सात किलोमीटर कम हो जाएगी।
इतना ही नहीं, भ्यूंडार तक सड़क बनने के बाद फूलों की घाटी का पैदल रास्ता भी घटकर मात्र पांच किलोमीटर रह जाएगा, जबकि अभी तक पर्यटकों को घाटी तक पहुंचने के लिए 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। बद्रीनाथ राजमार्ग पर स्थित गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब की दूरी 20 किमी है।
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तीर्थयात्री शुरू से 5 किमी दूर स्थित पुलना गांव तक वाहन से पहुंचते हैं, जबकि हेमकुंड तक पहुंचने के लिए 15 किमी पैदल चलना पड़ता है।हेमकुंड के लिए पुलना से घांघरिया तक 9 किमी और घांघरिया से हेमकुंड तक 6 किमी का कठिन मार्ग है। अधिकांश तीर्थयात्री इस आस्था पथ पर यात्रा करने के लिए घोड़े का उपयोग करते हैं क्योंकि पैदल चलना कठिन हो जाता है।
ऐसे में तीर्थयात्रियों को घांघरिया पड़ाव पहुंचने पर रात भर गुरुद्वारे में रुकना पड़ता है। इसके बाद वे अगले दिन हेमकुंड साहिब पहुंचते हैं। अब पुलना से भ्यूंडार गांव तक सात किमी सड़क को मंजूरी मिल गई है, जिससे तीर्थयात्रियों की पैदल दूरी कम हो जाएगी और वे एक ही दिन में हेमकुंड के दर्शन कर सकेंगे।
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चमोली जिले के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि भ्यूंडार गांव तक सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इस साल सड़क निर्माण का काम शुरू हो जायेगा। सड़क बनने से भ्यूंडार गांव के ग्रामीणों को आवागमन में भी आसानी होगी। फिलहाल ग्रामीणों को सड़क मार्ग से पुलना तक पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यहां पक्की सड़क बनाई जाएगी।