अब चीन बॉर्डर तक सेना का जाना होगा बहुत असान, पिथौरागढ़ और चमोली के बीच अब 500 km का सफर अब घट कर रह जाएगा 80 km

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अब उत्तराखंड के सुदूर गांवों के लोगों को शहरों से जोड़ने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। चमोली जिले से लगे चीन सीमा क्षेत्र में आईटीबीपी की आवाजाही अब सुचारू और आसान होने जा रही है क्योंकि सीमा सड़क संगठन (BRO) ने चमोली के लाप्थल से लेकर पिथौरागढ़ और अब 80 किमी संचुतला-टोपीढुंगा-मिलम रोड का निर्माण होना है, तक सड़क कटिंग का काम शुरू कर दिया है। जिसमें से करीब 40 किमी तक पहाड़ी की कटिंग हो चुकी है।

BRO ने वर्ष 2028 तक रखा सड़क निर्माण पूरा करने का कार्य

दरअसल, बीआरओ ने वर्ष 2028 तक सड़क निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस सड़क के बन जाने से पहले सेना के जवानों के लिए भी लोगों को जो 500 किलोमीटर की दूरी तय करके चमोली से पिथौरागढ़ जाना पड़ता था, वह अब कम होकर केवल 80 किलोमीटर। इसके साथ ही नीति गांव से आगे चीन सीमा क्षेत्र शुरू हो जाता है, जो नीति घाटी का आखिरी गांव भी है। यहां सीमा क्षेत्र में सेना और ITBP की अग्रिम चौकी स्थित है।

बताया जा रहा है कि अब पूर्व दिशा में मलारी से लपथल (45 किमी) तक सड़क बन चुकी थी और यहां से आगे संगचोकला-टोपीढुंगा-मिलम (पिथौरागढ़) तक सड़क निर्माण का काम पिछले साल नवंबर से शुरू हुआ था. अब तक विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बीच बीआरओ के मजदूरों ने दिन-रात काम किया और अब उन्होंने यहां करीब 40 किमी सड़क के लिए हिल कटिंग कर दी है. इससे आगे करीब 30 किमी ही पहाड़ी कटान बाकी है, जिसका काम भी शुरू हो चुका है।

मौसम में बदलाव के कारण यह काम रुक गया था लेकिन अब जल्द ही सड़क निर्माण का काम 2028 तक पूरा हो जाएगा। आपको बता दें कि चीन ने चमोली से सटे इस सीमा क्षेत्र में अपने रेल मार्ग का विस्तार किया है। और समय-समय पर चीन इस इलाके में बार-बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार भी यहां विस्तार पर खास जोर दे रही है. नीती से सुबुक होते हुए ग्यालढुंग (40 किमी) तक सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है और दूसरी सड़क सुमना से लाप्थल-रिमखिम होते हुए बाड़ाहोती तक पहुंच गई है।

इससे अब आईटीबीपी के जवानों को सीमा क्षेत्र में स्थित अग्रिम चौकियों तक पहुंचने के लिए पैदल नहीं चलना पड़ेगा और इससे उन्हें काफी सुविधा भी मिलेगी। इतना ही नहीं इस एजेंडे के पीछे सरकार की चाहत कहीं ज्यादा है. लप्थल से मिलम पिथौरागढ तक सड़क निर्माण के पीछे एक कारण यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना और उन्हें सुविधाएं प्रदान करना है।