राज्य के इस धार्मिक स्तीथल को जिला बनाने कि मांग तेज, 3 जिलों कि सीमा से लगे होने के बावजूद ऋषिकेश का नहीं हो पा रहा है विकास

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उत्तराखंड बनने के बाद अब पिछले कुछ समय से उत्तराखंड के ऋषिकेश को जिला बनाने की मांग लगातार उठ रही है। यह मांग मुख्य रूप से क्षेत्र के स्थानीय निवासी, व्यापारिक संगठन और नेता कर रहे हैं, जिसमें वे कई तर्क पेश कर इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऋषिकेश धार्मिक पर्यटन और योग का एक महत्वपूर्ण केंद्र है जिसका प्रशासनिक संचालन अधिक प्रभावी है. और इसे आसान बनाने के लिए इसे जिला बनाया जाना चाहिए. इस बीच एक बार फिर से ऋषिकेश को जिला बनाने की मांग तेजी से उठ रही है.

4 तहसीलों को मिलाकर जिला बनाने का होगा प्रस्ताव

आपको बता दें कि बीते गुरुवार को प्रदेश के ऋषिकेश शहर को जिला बनाने की मांग को लेकर सामाजिक, राजनीतिक और व्यापारिक संगठनों के सदस्य एक मंच पर आए, जिसमें उन्होंने एक समिति बनाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने का निर्णय लिया है. इसके लिए पहले चरण में जून माह में राज्य के मंत्रियों से मिलकर जिला बनाने का अनुरोध किया जायेगा. जिस पर सामाजिक राजनीतिक और व्यापारिक संगठनों ने मांग पर सहमति जताई है।

दरअसल, कार्यक्रम के संयोजक और पर्वतीय जन कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन शर्मा ने कहा कि ऋषिकेरी का स्वर्गाश्रम मुनि की रेती क्षेत्र अलग-अलग जिलों का हिस्सा होने के कारण प्रशासनिक असमानता का दंश झेल रहा है, इसलिए यमकेश्वर नरेंद्रनगर, डोईवाला,ऋषिकेश विधानसभाओं का विलय कर दिया गया। एक जिला बनाया जाए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ऋषिकेश का नाम विदेशों में भी मशहूर हैl

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ऋषिकेश का नाम विदेशों तक मशहूर है, इसलिए इसके लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है और इसके लिए लगातार सर्वदलीय बैठकें करना भी जरूरी है।