हल्द्वानी में मात्र 40 से 45 हज़ार में पाये बढ़िया E-स्कूटर, उत्तराखंड में बन रहा लोगो की पहली पसंद 3 गुणा बढ़ी मांग

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जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, राज्य में वाहन भी बढ़ रहे हैं। वाहनों की आवश्यकता के अनुसार ईंधन की दर में वृद्धि। उत्तराखंड में भी लोगों का रुझान इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है। वर्तमान समय में ई-स्कूटी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ सालों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों ने ग्राहकों को आकर्षित किया है। पिछले एक साल में हल्द्वानी में ई-वाहनों की मांग चार गुना बढ़ गई है।

एक माह में 300 से 350 हो गई e-स्कूटर की डिमांड

सर्वे के मुताबिक पहले एक महीने में 50 से 60 इलेक्ट्रिक स्कूटर ही बिकते थे। आज इनकी संख्या बढ़कर 300 से 350 प्रति माह हो गई है। ई-वाहनों के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि के परिणामस्वरूप यह संख्या बढ़ी है और शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भी बढ़ रही है। तीन साल पहले तक शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के दो से तीन शोरूम हुआ करते थे, लेकिन अब यह संख्या करीब 20 हो जायेगी।

ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की ओर इसलिए आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि वे ईंधन कुशल होते हैं और उनके रखरखाव की लागत भी कम होती है। ग्राहक इलेक्ट्रिक स्कूटर की ओर इसलिए भी आकर्षित होते हैं क्योंकि ये जल्दी चार्ज हो जाते हैं। वहीं, गाड़ी को 50 से 120 किलोमीटर तक आराम से चलाया जा सकता है। कामकाजी लोगों के बीच इलेक्ट्रिक स्कूटर को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। वहीं, स्कूल और कोचिंग जाने वाले छात्रों के लिए अभिभावक भी इसे पसंद कर रहे हैं। ग्राहकों को यह बात पसंद आती है कि कई गाड़ियों में रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की जरूरत नहीं होती।

बरेली रोड स्थित ईवी ट्रेडर्स के प्रणय शर्मा ने बताया कि पहले ई-स्कूटर की सीमित वैरायटी ही उपलब्ध थी, लेकिन अब ई-स्कूटी कई वैरायटी में बाजार में आ गई हैं, आप इनमें म्यूजिक सिस्टम और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ कई तरह के सेफ्टी फीचर्स भी दे सकते हैं। वहां हमारे पास सबसे सस्ती गाड़ी 45 हजार रुपये की है. जो 5-7 घंटे में फुल चार्ज हो जाती है और करीब 50 किलोमीटर तक चलाई जा सकती है। वहीं, जिन ई-वाहनों की कीमत अधिक होती है उनकी क्षमता अधिक होती है। ग्राहकों को फाइनेंस की सुविधा मिल रही है।