उत्तराखंड अब सफलता की राह पर है। जिसके लिए उत्तराखंड में बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। महिला अधिकारिता एवं बाल विकास विभाग द्वारा राज्य में शुरू की गई नंदा गौरा योजना इनमें से एक है। इसके अलावा मंगलवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ‘नंदा गौरा’ योजना के तहत एक लाख लाभार्थी बालिकाओं को पीएफएमएस के माध्यम से 358.3 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत कुल 3.58 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की।
नंदा गौरा योजना योजना के तहत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से 1 लाख लाभार्थी लड़कियों को 358.3 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की। इस योजना को राज्य में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के लिए सफल माना गया। उत्तराखंड के कई लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। वे उचित भोजन और अन्य विभिन्न चीजें लेकर स्कूल जा रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा अन्य कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं वात्सल्य योजना के माध्यम से सरकार बेसहारा बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि नंदा गौरा योजना क्या है। इसे नंदा देवी कन्या योजना भी कहा जाता है।
गांव की एक बच्ची की दुर्दशा हम सभी जानते हैं। वे या तो शिक्षा से वंचित हैं या प्रारंभिक अवस्था में ही उनकी शादी कर दी जाती है, लेकिन इस नंदा गौरा योजना के तहत, उत्तराखंड सरकार लड़कियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए 50 हजार रुपये की राशि प्रदान करती है। इसके साथ ही बेटी के जन्म पर सरकार 11 हजार रुपये भी देती है।