पूर्व भारतीय कप्तान धोनी को भा गई उत्तराखंड की लाटी, वीडियो कॉल पर हुई बात और दे डाले आर्डर

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हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने और अपने पैतृक गांव को देखने के लिए उत्तराखंड आए थे। यह लंबे समय बाद था जब उन्होंने उत्तराखंड का दौरा किया। इस बार उन्होंने बीस साल बाद अपने गांव ल्वाली सहित कई मंदिरों का भी दौरा किया। इसके साथ ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उत्तराखंड की कार्टून कैरेक्टर कोटद्वार की युवा कार्टूनिस्ट कंचन जदली की बेहद फैन हो गए हैं। कंचन के बनाए कार्टून को देखकर धोनी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके है कंचन की तारीफ

धोनी चार दिन तक उत्तराखंड में रहे। अपनी यात्रा पर उन्होंने न केवल विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम का दौरा किया और बाबा नीम करौली का आशीर्वाद लिया, बल्कि यहां छुट्टियां बिताने के बाद वह अपनी पत्नी साक्षी और बेटी जीवा के साथ वापस मुंबई लौट रहे थे। इसी दौरान जब उनकी नजर सोशल मीडिया पर कंचन के कार्टून लती पर पड़ी तो उन्होंने अपने दोस्त से कंचन से बात करने को कहा।

धोनी ने कंचन और उनके परिवार से वीडियो कॉल पर करीब 12 मिनट तक बात की, कंचन ने धोनी को अपने बनाए कार्टून भी दिखाए। उसका कार्टून देखने के बाद वह उसका प्रशंसक बन जाता है और उसकी बेटी के लिए कुछ ऑर्डर देता है। कंचन से बात करते हुए धोनी ने कहा कि कार्टून में कंचन की लिखी पंचलाइन उन्होंने गांव में खूब सुनी है।

आज भी जब वह उत्तराखंड के किसी रिश्तेदार या दोस्त से बात करते हैं तो उन्हें यह पंचलाइन अक्सर सुनने को मिलती है। लेकिन समय के साथ सब कुछ ख़त्म होता जा रहा है। ऐसे में इन कार्टून्स ने एक बार फिर उन्हें अपने पुराने दिन याद दिला दिए हैं।

आपको बता दें कि कंचन के कार्टून पूरे देश में पसंद किए जाते हैं। यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लाटी के किरदार से सुर्खियों में आईं कंचन जडली का कार्टून पसंद आया. कंचन द्वारा उत्तराखंड के लोकपर्व पर बनाए गए इन कार्टूनों को पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर किया था।

मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के जहरीखाल की रहने वाली कंचन अपने कार्टून किरदार लाटी के जरिए लोगों को उत्तराखंड की संस्कृति से परिचित करा रही हैं। कंचन के कार्टून न केवल कार्टून, चित्रों और गुदगुदाने वाली पंचलाइनों के माध्यम से पहाड़ी लोगों को अपनी बोली से जुड़े रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि अपनी डिजिटल कला के माध्यम से प्रवासियों को उत्तराखंड से जोड़ने का भी काम कर रहे हैं।