पिथौरागढ़ के बॉबी सिंह धामी ने किया राज्य का नाम रौशन, 27 सदस्यीय भारतीय हॉकी टीम में उत्तराखंड से हुए शामिल

प्रदेश के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के एक ऐसे युवा हॉकी खिलाड़ी के बारे में जिन्होंने पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है, उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर कई बार सफलता की ऊंची ऊंचाइयां हासिल कीं। ऐसी ही एक खबर आज खेल जगत से सामने आ रही है, जहां देश की राजधानी दिल्ली में हॉकी इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए 27 सदस्यीय टीम का चयन कर लिया है।

जूनियर हॉकी से भी अपने नाम कर चुके है कई रिकार्ड

इस अंतरराष्ट्रीय टीम में बॉबी सिंह धामी ने भी अपनी जगह बना ली है. बॉबी मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के कात्यानी गांव के रहने वाले हैं, उन्हें फॉरवर्ड खिलाड़ी के रूप में भारतीय सीनियर पुरुष हॉकी टीम में शामिल किया गया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में खुशी का माहौल है, वहीं सीमांत जिले पिथौरागढ़ के खेल प्रेमियों में भी खुशी की लहर है।

बॉबी के कोच और वर्तमान में प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी, नैनीताल वरुण बेलवाल ने बताया कि बॉबी भी पेरिस ओलंपिक के संभावित खिलाड़ियों में शामिल थे। आपको बता दें कि कक्षा 6 से 11 तक की शिक्षा स्पोर्ट्स कॉलेज, देहरादून से प्राप्त करने वाले बॉबी ने हॉकी खिलाड़ी पंकज रावत से खेल की बारीकियां सीखीं। जिसके बाद जून 2017 से बॉबी साई ट्रेनिंग सेंटर सोनीपत आ गया।

वहीं वरुण बेलवाल ने बॉबी को ट्रेनिंग दी थी, उन्हीं के मार्गदर्शन में बॉबी ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए हैं। जून 2022 में, बॉबी ने पोलैंड के खिलाफ फाइनल में दो गोल करके भारत को स्विट्जरलैंड में उद्घाटन एफआईएच हॉकी जीतने में मदद की। भुवनेश्वर में 2021 जूनियर विश्व कप में अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद से, फारवर्ड गेंदों को पकड़ने और स्कोर करने या सहायता करने की अपनी क्षमता से चमक गया है।

लेकिन नेपाल की सीमा पर उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले के कटियानी गांव में पले-बढ़े बॉबी का जीवन आसान नहीं था। बॉबी के पिता श्याम सिंह एक टैक्सी ड्राइवर थे। जिस कार को वह चला रहा था वह ब्रेक फेल होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे चार यात्रियों की मौत हो गई।

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