आख़िरकार सोमवार 13 मई की सुबह बद्रीनाथ धाम में पंडा समाज, होटल मालिकों, तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ में वीआईपी व्यवस्था ख़त्म करने के लिए प्रदर्शन किया. इसी बीच बामणी गांव की महिलाएं भी वहां प्रदर्शन करने पहुंच गईं.प्रदर्शनकारियों ने साकेत तिराहे पर जिला प्रशासन और बद्री-केदार मंदिर समिति के खिलाफ नारेबाजी की। सोमवार को बीकेटीसी और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता, अशोक टोडरिया, उमेश सती, नीरज मोतीवाल, अतुल टोडरिया, गौरव पंचभैया, संदीप भट्ट, नरेशानंद, बामणी गांव की महिलाएं, स्थानीय लोग और धामी, तीर्थ पुरोहित शामिल रहे।
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सिर्फ सरकार द्वारा प्राप्त प्रोटोकोल वाले लोगों को मिलेगी VIP दर्शन की अनुमती
धाम में जिस कुबेर मार्ग से VIP को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है, उस पर स्थानीय लोगों ने सुबह से ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते सोमवार 13 मई को कोई भी वीआईपी मंदिर परिक्रमा स्थल तक नहीं पहुंच सका. साकेत तिराहे पर विरोध करने आए लोगों के गुस्से को देखते हुए वीआईपी दर्शन के लिए किसी को भी मंदिर के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई, जिससे वहां मौजूद बाकी आम श्रद्धालु आसानी से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन कर सके. आखिरकार 13 मई से बद्रीनाथ धाम में वीआईपी दर्शन व्यवस्था खत्म कर दी गई है. केवल उन्हीं वीआईपी भक्तों को वीआईपी दर्शन की अनुमति दी जाएगी जिनके लिए सरकार द्वारा प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा।
चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. ब्रिजेश सती ने कहा कि मंदिर समिति द्वारा वीआईपी दर्शन व्यवस्था शुरू की गई थी जिसे अब पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है.बदरीश पंचायत समिति के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने कहा कि बदरीनाथ धाम को लेकर जो भी समस्याएं हैं, उसे लेकर 14 मई मंगलवार को सुबह 11 बजे धाम में एक सार्वजनिक बैठक का आयोजन किया जाएगा।
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कमेटी ने प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों की सभी मांगें मान ली हैं।णस्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद बीकेटीसी की ओर से धाम में वीआईपी दर्शन व्यवस्था खत्म कर दी गई है. धाम में वीआईपी दर्शन व्यवस्था बीकेटीसी की ओर से शुरू की गई। इसके बाद सिर्फ वही लोग वीआईपी दर्शन कर पाएंगे जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया गया है. बद्रीनाथ धाम में स्थानीय लोगों की आवाजाही पर अभी भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा।