डोबरा-चांठी पुल उत्तराखंड का एक ऐसा पुल है जो दक्षिण कोरिया के सहयोग से बनाया गया पहला सबसे लंबा 2-वे सस्पेंशन ब्रिज है। यह पुल टिहरी में स्थित है और यहां पर्यटन का केंद्र बनकर उभरा है। अब ठीक इसी तरह का एक पुल रुद्रप्रयाग जिले में भी बनाया जा रहा है।
अलकनंदा के ऊपर बना था 60 के दशक में बेलाणी पुल
यहां बने बेलणी पुल को डोबरा चांठी पुल की तर्ज पर सजाया जा रहा है। इन दिनों बेलनी पुल के सौंदर्यीकरण का काम तेजी से चल रहा है। इसे रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। बेलानी ब्रिज अलकनंदा नदी पर बना है। इन दिनों पुल की मरम्मत की जा रही है, बाद में इस पर लाइटें लगाकर सजाया जाएगा।
सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने के बाद यह पुल देश-विदेश के श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा। इस पुल के कारण शहर एक अलग रूप में दिखाई देगा। अलकनंदा नदी पर बेलनी पुल 60 के दशक में बनाया गया था। इस पुल को ऐसे बनाया गया था। जिससे केदारघाटी, तल्लानागपुर के साथ ही कार्तिक स्वामी मंदिर को एक साथ जोड़ा जा सके। कई दशकों के बाद यह पुल फिलहाल बेहद जर्जर हालत में है।
इस पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है। अब प्रशासन की पहल पर इस पुल की मरम्मत की जा रही है और इसे सजाया भी जा रहा है। यहां वॉटर प्रूफ सड़क बनाने का काम जोरों से चल रहा है। इसके बाद पुल को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाएगा। जब यह ब्रिज रोशनी से जगमगाने लगेगा तो शहर की खूबसूरती भी बढ़ जाएगी।
जिस तरह डोबरा चांटी पुल की लोकप्रियता से क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है, उम्मीद है कि उसी तरह पर्यटक रुद्रप्रयाग के इस पुल को भी देखने आएंगे। इस तरह आने वाले समय में रुद्रप्रयाग शहर पर्यटन का केंद्र तो बनेगा ही, यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
वाटर प्रूफ सड़कें तैयार होने से लोगों को गंदे पानी की समस्या से निजात मिलेगी। रोशन बेलणी ब्रिज रुद्रप्रयाग को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से यहां आएंगे। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।