करोड़ों की लागत से सवरेंगे उत्तराखंड के विद्यालय, अब मनेगा महीने में एक दिन “बैग फ्री डे”

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उत्तराखंड में अब नई शिक्षा नीति के अनुसार अब प्रदेश के कक्षा 6वीं से 12वीं तक के सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत “फ्री डे” योजना लागू की जाएगी। प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में यह योजना पहले से ही ‘प्रतिभा दिवस’ के रूप में चल रही है। बैग फ्री डे योजना के तहत स्कूलों में खेल, भाषा, गणित, विज्ञान, शिल्प, कला, श्रम कार्य एवं व्यायाम, सांस्कृतिक एवं सामाजिक हित की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

बैग फ्री डे में व्यावसायिक गतिविधियों से कराया जाएगा परिचय

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक, इस योजना के तहत हर महीने के आखिरी शनिवार को बच्चे बिना बैग के स्कूल जाएंगे. माह के अंतिम शनिवार को विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार भाग ले सकेंगे।प्रदेश में बैग फ्री डे लागू होने पर अंतिम शनिवार को स्कूलों में मुख्य रूप से तीन तरह के कार्य आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यों में जैविक रूप, मशीनें और सामग्री और मानव सेवाएँ शामिल हैं।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को मृदा प्रबंधन एवं मृदा तैयारी कार्य के बारे में जानकारी दी जायेगी, इसके साथ ही कृषि एवं बागवानी की विभिन्न विधियों के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का भी आयोजन किया जायेगा। माध्यमिक विद्यालयों में जैविक गतिविधियों के तहत छात्रों को प्रकृति अनुकूल कृषि, प्रकृति संरक्षण, पशुधन पालन, वित्तीय सेवाएं, नर्सरी प्रबंधन, सौंदर्य एवं व्यक्तिगत देखभाल और उद्योग से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

मशीनों और सामग्रियों के तहत, छात्रों को कागज, स्याही, कपड़ा, लकड़ी, पेंट और मिट्टी जैसी सामग्रियों का उपयोग करके हस्तशिल्प कार्य के साथ-साथ आधुनिक मशीनों सहित शुरुआती मशीनों के उपयोग जैसी कई व्यावसायिक गतिविधियों से परिचित कराया जाएगा। छात्रों को सिलाई, बढ़ईगीरी, मिट्टी के बर्तन, वेल्डिंग और कास्टिंग, रोबोटिक मशीन और स्थानीय कला का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसी प्रकार, ऐसी मानवीय सेवाओं के तहत छात्रों को विद्युत कार्य, बिक्री और विपणन, परिवहन सेवाएं, आतिथ्य और पर्यटन, मध्यवर्ती सूचना और संचार प्रौद्योगिकी और तकनीकी कौशल में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा कुशल संचार और टीमों में काम करने की क्षमता, स्वास्थ्य देखभाल और आतिथ्य के लिए योग्यता के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।