चमोली जिले का एक छोटा सा गांव, मजोठा अब पूरे राज्य और देश भर में सिर्फ एक एथलीट की वजह से जाना जाता है, जिसने अपनी प्रतिभा से अपने गांव का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की वॉक-रेस चैंपियन मानसी नेगी की जो यहीं की रहने वाली हैं। आज हम मानसी को एक सफल एथलीट के रूप में जानते हैं, लेकिन उनका सफर कुछ ऐसा नहीं था।
मझोटी गाँव की मानसी ने कई बार मेडल जीतकर किया है माँ का नाम रौशन
मानसी मूल रूप से चमोली जिले के मझोठी गांव की रहने वाली हैं। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है। मानसी के पिता की 8 साल पहले मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके परिवार की जिम्मेदारी मां शकुंतला देवी पर आ गई। मानसी की मां शकुंतला देवी ने खेती और मजदूरी करके न केवल अपनी बेटी को पढ़ाया बल्कि उसे प्रोत्साहित किया और इतना मजबूत बनाया कि वह अपने गांव और राज्य का प्रतिनिधित्व कर रही है।
उनका संघर्ष रंग लाया और आज मानसी सफलता की नई ऊंचाइयां छू रही हैं और चमोली की इस एथलीट बेटी मानसी नेगी को मां नंदा शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया है। जयपुर में आयोजित मां नंदा शक्ति सम्मान समारोह 2024 में उन्हें सम्मानित किया गया। बता दें, यह कार्यक्रम रविवार 17 मार्च को जयपुर में आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 11 महिलाओं को मां नंदा शक्ति सम्मान दिया गया। यह समारोह जयपुर में राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा के तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस उपलब्धि के बाद कई लोग मानसी नेगी को बधाई दे रहे हैं, इससे पहले वह वॉक रेस में कई पदक जीत चुकी हैं।