हल्द्वानी की आंचल जोशी ने करा उत्तराखंड का नाम दुनिया में रौशन, कथक के ज़रिए लिखवाया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम

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प्रदेश की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। हम आपके लिए लेकर आते थे वो कहानियां जहां उत्तराखंड की बेटियों ने खेल या पढ़ाई में अपना नाम रोशन किया है। लेकिन आज हम आपको अपनी काबिलियत और प्रतिभा के दम पर सफलता हासिल करने वाली आंचल जोशी की नई कहानी से रूबरू करा रहे हैं।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी पा चुकी है ईनाम

हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड में कथक की शानदार स्टेज कलाकार के बारे में, उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हलद्वानी की रहने वाली आंचल जोशी ने हाल ही में मध्य प्रदेश के खजुराहो नृत्य महोत्सव की 50वीं स्वर्ण जयंती पर आयोजित कथक महासम्मेलन में 1500 अन्य कथक नर्तकियों के साथ शानदार प्रदर्शन किया और अपना नाम दर्ज कराया।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, आंचल पर अब पूरे राज्य को गर्व है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां आंचल के परिवार में खुशी का माहौल है, वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है। आपको बता दें कि आंचल बचपन से ही पारंपरिक नृत्य कला कथक में भाग लेती रही हैं। उन्होंने कथक में अपनी प्राथमिक शिक्षा कुंती कला केंद्र और हलद्वानी के नुपुर नृत्य कला केंद्र से प्राप्त की।

जिसके बाद उन्होंने दिल्ली कथक केंद्र से पंडित जयकिशन महाराज के मार्गदर्शन में 5 वर्षों तक प्रमाणित अभ्यास करते हुए कथक की बारीकियों और अन्य विशेषताओं को समझने के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त की।

आपको बता दें कि आंचल को इससे पहले भी 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर दिल्ली में कथक नृत्य कला का प्रदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उनकी मां सुमन जोशी और पिता दीप जोशी अपनी बेटी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से बेहद खुश हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं।