उत्तराखंड की अंबा ने किया राज्य का नाम रोशन, 26 जनवरी पर पहली बार आई AFMS की टोली का कर्तव्य पथ पर किया नेतृत्त्व

प्रदेश की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आज हम आपके लिए प्रदेश की एक और बेटी की कहानी लेकर आए हैं जिसने पूरे प्रदेश को एक सुनहरा मौका दिया है कि पूरे प्रदेश को उसकी काबिलियत पर गर्व होगा। हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के उरई देवलथल निवासी अंबा सामंत की।

पिता भी दे चुके है सेना में अपनी सेवाएँ

जिन्होंने 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सेना डेंटल कोर और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा ( एएफएमएस) ) के मार्च पास्ट का नेतृत्व किया बल्कि अपने माता-पिता के साथ राज्य का भी नाम रौशन किया।

अंबा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी का माहौल है और उनके माता-पिता गर्व महसूस कर रहे हैं। अपनी बेटी को कर्तव्य पथ पर चलते देख साथियों की आंखें भर आईं। मिली जानकारी के मुताबिक अंबा ने पूरे राज्य को अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर गर्व करने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

उन्होंने यहीं से स्नातक की डिग्री हासिल की है। आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस। इस दौरान उन्होंने एनसीसी में बी और सी सर्टिफिकेट भी हासिल किया।

आपको बता दें कि अम्बा की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी सैन्यकर्मी की है, उनके पिता गोविंद सामंत एक सैन्य परिवार से हैं, एक पूर्व सैनिक हैं, जबकि उनकी मां देवेन्द्री सामंत एक कुशल गृहिणी हैं। अंबा सामंत दिसंबर 2020 में आर्मी डेंटल कोर में कैप्टन बनीं।

वर्तमान में उनका परिवार हरिद्वार जिले के रूड़की क्षेत्र में रहता है। आपको बता दें कि ऑन लाइन ऑफ ड्यूटी (AFMS) ने इतिहास में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया है।

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