टिहरी की अल्का रावत ने करा उत्तराखंड का नाम रौशन, सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट बनकर आगे बढ़ाई परिवार की परंपरा

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

उत्तराखंड की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। प्रदेश की कई बेटियों ने अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा से प्रदेश का नाम रोशन किया है, विभिन्न प्राधिकरणों में कई बड़े पदों पर नाम रोशन किया है। विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल कर रही है और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य का नाम भी रोशन कर रही है।

टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर की रहने वाली है अलका रावत

इतना ही नहीं, यहां की कई बेटियां आज भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में अहम पदों पर कार्यरत हैं, जो देश की रक्षा में अहम योगदान तो दे ही रही हैं, साथ ही देश की रक्षा में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। समाज में बदलाव लाकर अन्य बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। हर दिन ये लड़कियां अपना नाम रोशन कर रही हैं। हम आपको ऐसी होनहार बेटियों से भी रूबरू कराते रहते हैं जो अपनी मेहनत से एक खास क्षेत्र में अपना और परिवार का नाम रोशन कर रही हैं। आज हम आपको एक और ऐसी होनहार बेटी से मिलवाने जा रहे हैं जो मेडिकल नर्सिंग विंग में लेफ्टिनेंट बन गई है।

हम बात कर रहे हैं अलका रावत की, जो मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले की रहने वाली हैं और भारतीय सेना के मेडिकल नर्सिंग विंग में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। आपको बता दें कि अलका रावत टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के बगवान गांव की रहने वाली एक होनहार लड़की हैं। वह भारतीय सेना की मेडिकल नर्सिंग विंग में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। स्कूल जीवन के बारे में बात करते हुए अलका ने अपनी शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल, देहरादून रायवाला से पूरी की, जिसके बाद उन्होंने 2018 से 2022 तक रामा हिमालयन यूनिवर्सिटी से नर्सिंग की शिक्षा प्राप्त की।

14 जून को हुई पासिंग आउट परेड के दौरान उन्होंने भारतीय सेना के मेडिकल नर्सिंग विंग में लेफ्टिनेंट बनने का मुकाम हासिल किया. आपको बता दें कि उनकी पहली पोस्टिंग कमांड हॉस्पिटल साउथ पुणे में हुई थी। अलका रावत सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं क्योंकि उनके पिता हरि सिंह रावत ने भी भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स में सेवा की है, जबकि उनकी मां विशंबरी देवी एक कुशल गृहिणी हैं।